joharcg.com मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है। यह सत्र राज्य सरकार के लिए कई महत्वपूर्ण विधायी और प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगा। सत्र के दौरान, विपक्षी दल भी सरकार से विभिन्न मुद्दों पर जवाब तलब करेंगे, जिससे राज्य की राजनीति में गर्मी रहने की संभावना है।
शीतकालीन सत्र में खासतौर पर बजट सत्र, विकास योजनाओं, और महत्वपूर्ण कानूनों को लेकर चर्चा होने की उम्मीद है। राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित विभिन्न विकासात्मक योजनाओं और बजट आवंटन को लेकर बहस हो सकती है। इसके साथ ही, किसानों, बेरोजगारी, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा, और सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे प्रमुख मुद्दों पर भी विपक्ष की ओर से सवाल उठाए जा सकते हैं।
सत्र के दौरान विधानसभा के नियमों और प्रावधानों के अनुसार, विपक्षी नेताओं को भी अपने विचार व्यक्त करने का पूरा अवसर मिलेगा। इस बार सत्र में भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी बहस हो सकती है, खासतौर पर उन मुद्दों को लेकर जो राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ नए विधेयक भी पेश किए जा सकते हैं, जिनका राज्य के नागरिकों पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।
राज्य के मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने सत्र की तैयारी पूरी कर ली है और सभी विधायक सत्र में भाग लेने के लिए तैयार हैं। विधानसभा परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, ताकि सत्र के दौरान किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।
राज्य के नागरिकों की नजरें इस सत्र पर होंगी, क्योंकि यह सरकार की कार्यप्रणाली और विपक्ष के रुख का स्पष्ट संकेत देगा। आगामी सत्र मध्यप्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से शुरू होगा। विधानसभा सचिवालय की ओर से इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। नोटिफिकेशन के मुताबिक, विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से शुरू 20 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान 4 बैठकें होंगी।
बीच धान खरीदी के सीजन में होने जा रहे विधानसभा सत्र के भी हंगामेदार होने की संभावना है। क्योंकि विपक्ष अभी धान खरीदी को लेकर हीला हवाली करने का आरोप सरकार पर लगा रही है। वहीं रबी पसल के लिए धान बोने से मना करने का मसला भी गरमा सकता है।