गोधन न्याय योजना के अन्तर्गत गोबर विक्रय का लाभ पशुपालकों को मिलना प्रारंभ हो गया है। गाय, भैंस पालने वाले पशुपालकों को पहले केवल दूध से ही आमदनी होती थी। अब हर पंद्रह दिनों में गोबर बेचने का पैसा भी मिलेगा। राज्य सरकार ने गोधन न्याय योजना के तहत 2 रूपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदना प्रारंभ किया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा बुधवार को जांजगीर-चांपा जिले के 2,216 पशुपालको से क्रय किये गये 2 लाख 97 हजार 607 किलो गोबर का 05 लाख 95 हजार 214 रूपए आनलाईन भुगतान किया गया।
जिले के नवागढ़ ब्लाक के ग्राम पचेड़ा निवासी श्री सूरज कश्यप को 5 अगस्त को 40 मवेशियों से एकत्र किये 2,917 किलो गोबर बेचने पर 5,834 रूपए का आनलाइन भुगतान प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया पहले गोबर का उपयोग पारंपरिक तरीके से गोबर खाद बनाने में करते थे, जिससे नगद लाभ नहीं मिल पाता था। अब गोधन न्याय योजना से दूध के अलावा गोबर से भी नगद आमदनी प्राप्त होने लगी है। श्री सूरज ने कहा कि उसने कभी सोंचा नहीं था कि गोबर से भी नगदी आय होगी। उन्होंने बताया कि गोबर बेचने से मिलने वाली इस अतिरिक्त आय का उपयोग वे डेयरी और खेती-किसानी का विस्तार करने में लगाएंगे। श्री सूरज ने कहा कि गोधन न्याय योजना से पशुपालकों का उत्साह बढ़ा है। उन्होंने इस योजना को प्रारंभ करने के लिए राज्य सरकार को धन्यवाद दिया है।