प्रेग्नेंट महिला

joharcg.com पश्चिमी भारत के एक अस्पताल में एक बेहद दुर्लभ और अजीबोगरीब मामला सामने आया, जिसने चिकित्सकों को हैरान कर दिया। एक प्रेग्नेंट महिला की सोनोग्राफी में यह पाया गया कि न केवल महिला के पेट में बच्चा था, बल्कि उस बच्चे के पेट में भी एक और बच्चा था। यह स्थिति मेडिकल क्षेत्र में एक असामान्य और चौंकाने वाली घटना मानी जा रही है।

डॉक्टरों के मुताबिक, यह घटना ‘फिटस इन फिटू’ (Fetus in Fetu) नामक स्थिति से संबंधित हो सकती है, जो बेहद दुर्लभ होती है। इस स्थिति में गर्भ में पल रहे बच्चे के शरीर के अंदर दूसरे बच्चे के अवशेष या छोटे रूप में बच्चे का विकास हो सकता है। यह घटना बहुत कम मामलों में देखी जाती है और मेडिकल क्षेत्र में इसे एक चमत्कारी और रहस्यमय घटना के रूप में देखा जाता है।

सोनोग्राफी के दौरान महिला के पेट में दो बच्चों के दिखने पर डॉक्टर दंग रह गए। पहले डॉक्टरों को लगा कि यह किसी तरह का उपकरण या तकनीकी गलती हो सकती है, लेकिन जब जांच की गई, तो पाया गया कि महिला के पेट में एक बच्चा था और उस बच्चे के पेट में एक और बच्चा था।

चिकित्सक इस स्थिति को लेकर अध्ययन कर रहे हैं और इसे सही तरीके से समझने की कोशिश कर रहे हैं। महिला की हालत स्थिर है, और डॉक्टरों का कहना है कि दोनों बच्चों की स्थिति पर ध्यान दिया जा रहा है।

यह घटना मेडिकल जगत में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर बन सकती है, क्योंकि यह पहले से ज्ञात चिकित्सा स्थितियों से अलग है। अब तक ऐसी घटनाएं बेहद कम रही हैं, और इस मामले का इलाज एक नई चुनौती के रूप में सामने आ रहा है।

 बुलढाना के सरकारी अस्पताल में एक गर्भवती महिला की सोनोग्राफी चर्चा में है. डॉक्टर ने सोनोग्राफी का बारीकी से मुआयना किया तो वह भी चौंक गए, क्योंकि गर्भवती के पेट में बच्चा तो दिखाई दे रहा था. साथ ही इस बच्चे के पेट में भी एक बच्चा दिखाई दे रहा था.

दरअसल, दो दिन पहले जिले के मोताला तहसील के एक गांव से 9 माह की गर्भवती महिला (32 साल) सरकारी महिला रुग्णालय पहुंची. वहां डॉक्टर प्रसाद अग्रवाल ने गर्भवती की सोनोग्राफी की. सोनोग्राफी करते समय उन्हें महिला के पेट में बच्चा तो दिखाई दिया, साथ ही उसी बच्चे के पेट कुछ और भी दिखाई दिया. डॉक्टर अग्रवाल ने और तीन बार महिला की सोनोग्राफी की तो उन्हें दिखाई दिया कि जो पेट में बच्चा है, उसके पेट में भी एक बच्चा है.

डॉक्टर अग्रवाल ने यह बात अपने वरिष्ठों को बताई. वरिष्ठों ने गर्भवती महिला को डिलीवरी और किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो, इसलिए संभाजीनगर भेज दिया.

महिला रोग विशेषज्ञ (Gynecologist) डॉक्टर प्रसाद अग्रवाल से पूछा गया कि महिला और पेट में पल रहे बच्चे को कोई नुकसान की आशंका हो सकती है क्या? इस पर डॉक्टर ने कहा कि महिला को तो कोई प्रॉब्लम नहीं होगी. लेकिन डिलीवरी के बाद जन्मे बच्चे का जल्द उपचार नहीं हुआ तो उसकी ग्रोथ में बाधा आ सकती है.
सिविल सर्जन डॉक्टर भागवत भुसारी ने बताया कि इसे डॉक्टरी भाषा में fetus in feto (भ्रूण में भ्रूण) कहा जाता है. दुनिया में ऐसे मामले 200 के लगभग हुए हैं, जिसमें भारत में ऐसे मामले अबतक 15 से 20 हुए हैं.

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