पीएम आवास योजना

joharcg.com छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) में कथित घोटाले को लेकर बड़ी कार्रवाई की गई है। अधिकारियों ने मामले की जांच के बाद पीएम आवास योजना के अंतर्गत अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप में 6 लोगों पर FIR दर्ज की है। इसके अलावा, दो रोजगार सहायक को भी बर्खास्त कर दिया गया है।

जांच में यह सामने आया कि इन कर्मचारियों और अधिकारियों ने पीएम आवास योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को आवास की सुविधा देने के बजाय, फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें लाभ पहुंचाया था। कोरबा प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की और इन व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

बर्खास्त किए गए रोजगार सहायक पर आरोप है कि उन्होंने योजना के लाभार्थियों की सूची में हेरफेर किया और उन लोगों को आवास की स्वीकृति दी, जो इसके पात्र नहीं थे। जांच में यह भी पाया गया कि इन सहायक कर्मचारियों ने अनधिकृत तरीके से आवास की स्वीकृति देने के लिए भ्रष्टाचार किया था।

कोरबा के जिला कलेक्टर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि इस घोटाले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसे घोटाले भविष्य में न हों और पात्र लाभार्थियों को योजनाओं का सही लाभ मिले।

पीएम आवास योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के गरीबों को घर प्रदान करना है, लेकिन इस तरह के घोटाले योजनाओं की साख को नुकसान पहुंचाते हैं। प्रशासन अब इस मामले में और गहराई से जांच कर रहा है और दोषियों को सजा दिलाने के लिए तत्पर है।

कोरबा। प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि गबन करने के आरोप में कोरबा जिले में छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इनमें तीन ठेकेदार, दो पूर्व रोजगार सहायक और एक पूर्व आवास मित्र शामिल हैं। कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देश पर हुई इस कार्रवाई के तहत पूर्व रोजगार सहायक प्रकाश चौहान और किरण महंत को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।

शिकायत के अनुसार, जनपद पंचायत कोरबा की ग्राम पंचायत श्यांग, सिमकेदा और सोल्वा में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 72 आवास अधूरे पड़े हैं, जबकि 86 लाख रुपये निकाल लिए गए। जिला स्तरीय जांच समिति की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि संबंधित ठेकेदारों और अधिकारियों ने बिना निर्माण कार्य पूरा किए आवास की राशि गबन कर ली।

इस अनियमितता में विकासखंड समन्वयक लम्बोदर कौशिक, कलेश्वर चौहान और तकनीकी सहायक नरेंद्र साहू की संलिप्तता भी सामने आई, जिन्होंने बिना भौतिक सत्यापन के जियो टैग कर पूर्ण भुगतान कराया।
सीईओ जिला पंचायत के निर्देश पर जनपद पंचायत सीईओ देवानंद श्रीवास ने संबंधित छह लोगों पर शासकीय राशि के गबन की FIR दर्ज कराई है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 409, 120-बी और 34 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

Kedar Nath Kashyap Archives – JoharCG