चित्रकूट

joharcg.com चित्रकूट में समग्र विकास के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एक महत्वाकांक्षी योजना का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि चित्रकूट जिले का विकास समेकित रूप से किया जाए, जिससे सभी क्षेत्रों में संतुलित और समग्र प्रगति हो सके। मुख्यमंत्री का यह बयान इस उद्देश्य से आया है कि जिले के विकास के लिए सभी सरकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जिला प्रशासन और विकास अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान यह स्पष्ट किया कि चित्रकूट का विकास केवल पर्यटन या अन्य एकल क्षेत्रों तक सीमित नहीं होना चाहिए। बल्कि, इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, जल आपूर्ति, और ग्रामीण विकास जैसे सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया जाए।

उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि सभी विकास कार्यों में सामूहिक सहयोग हो और प्रशासन, स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों, तथा जनता के बीच समन्वय बना रहे। मुख्यमंत्री ने जिलावासियों से भी अपील की कि वे विकास कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल हों और अपनी समस्याओं को समाधान के लिए प्रशासन के साथ साझा करें।

डॉ. यादव ने कहा, “चित्रकूट का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है, लेकिन इसके साथ ही यह जिले को सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी सशक्त बनाना हमारा लक्ष्य है। शिक्षा, रोजगार, और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए योजनाओं का त्वरित क्रियान्वयन किया जाएगा, ताकि यहाँ के लोग बेहतर जीवन स्तर को महसूस कर सकें।”

मुख्यमंत्री ने साथ ही कहा कि चित्रकूट को एक मॉडल जिले के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां हर क्षेत्र में समान रूप से विकास हो और जिले के लोग प्रदेश और देश में गर्व महसूस करें।

इस बैठक में जिला अधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे, जिन्होंने मुख्यमंत्री की योजनाओं का स्वागत किया और उनके निर्देशों के अनुसार कार्य करने का वादा किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह भी सुनिश्चित किया कि सभी विकास योजनाएं समय सीमा के भीतर पूरी हों और उनका प्रभाव जिला वासियों पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि चित्रकूट के समग्र विकास का प्लान समेकित रूप से बने और सबके सहयोग से क्रियान्वित किया जाये। उन्होंने कहा कि चित्रकूट में अनेक सामाजिक संस्थाओं द्वारा समाज सेवा तथा अन्य विकास कार्य किये जा रहे हैं। धार्मिक स्थल में होने वाले मेले और अवसरों पर तीर्थ यात्रियों तथा पर्यटकों की सुविधाओं के लिए इन संस्थाओं के कार्यों से भी जोंडे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को चित्रकूट में चित्रकूट के समग्र विकास के लिये प्रगतिरत एवं प्रस्तावित कार्यों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चित्रकूट का समग्र विकास हमारी प्राथमिकता है। यहाँ बेहतर विकास हो और आध्यात्मिक वैभव के साथ चित्रकूट का मूल स्वरूप कायम रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मां मंदाकिनी की स्वच्छता और निर्मलता के साथ वाटर रिचार्ज का भी अभियान स्वयंसेवी संस्थाओं एवं जनभागीदारी से चलाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे आश्रम, संस्थाएँ मिलकर भूगर्भ के जल संभरण और संरक्षण का अभियान चलाये। चित्रकूट में चल रहे विभिन्न प्रकल्पों को और कैसे मजबूत बनायें जिससे हमारा समाज और क्षेत्र स्वावलम्बी बन सके।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चित्रकूट विष्वविद्यालय और समाजसेवी संस्थाएँ स्वावलम्बी समाज बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। चित्रकूट की हमारी पुरातन संस्कृति और परंपरागत पहचान को कायम रखते हुए कई विषयों को जोडकर विकास के कार्य होने चाहिए। गौ-शालाएँ, गौ-पालन, स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में सबके सहयोग से कार्य हो।

चित्रकूट के अमावस्या मेला और दीपावली मेले में भीड प्रबंधन के लिए रोप-वे के विकल्प की भी संभावनाएँ तलाशी जा सकती है। मेले में वाहनों की पार्किंग के स्थानों के लिए कन्ट्रोल रूम बनाएँ। उन्होंने कहा कि सडकों का चौडीकरण और सुदृढ़ीकरण का कार्य गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण हो। मुख्यमंत्री ने मोहकमगढ से पीली कोठी तक बनने वाली सड़क का कार्य दोनों सिरों से शुरू करने के निर्देश दिये।

नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी ने कहा कि कामदगिरी परिक्रमा मार्ग में सुविधाओं के विकास की जरूरत है। परिक्रमा में साफ-सफाई के उचित प्रबंध भी होने चाहिए। दान दाताओं के लिए भी सुनियोजित स्थान तय करना आवश्यक है।

समाजसेवी श्री सुरेश सोनी ने कहा कि चित्रकूट पावन तीर्थ का महत्व कामदगिरी और मां मंदाकिनी से है। अयोध्या सहित तीर्थ स्थलों के विकास से लोकप्रियता बढने के साथ यात्रियों का आवागमन कई गुना बढ़ा है। चित्रकूट का विकास प्लान आगामी 15-20 साल की परिस्थितियों के अनुसार ही बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चित्रकूट के प्रत्येक मठ, मंदिर, विद्यालय, सामाजिक संस्थाएँ जन प्रबोधन का कार्य भी करें।

सांसद श्री गणेश सिंह ने कहा कि भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में विकास की संभावनाएँ हैं मंदिर और तीर्थ स्थलों की प्राकृतिक सुंदरता बनी रहे। साथ ही चौरासी कोश की परिक्रमा के महत्वपूर्ण स्थल भी चित्रकूट के समग्र विकास में शामिल कर जनसुविधाएँ विकसित की जाये। विधायक श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार ने डीआरआई के संगठन सचिव श्री अभय महाजन,

कुलगुरू चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय प्रो. भरत मिश्रा, महापौर श्री योगेश ताम्रकार, पूर्व प्राचार्य संस्कृत विद्यालय श्रीधर त्रिपाठी, गायत्री शक्ति पीठ के आचार्य डॉ. रामनारायण त्रिपाठी, जानकी महल के महंत श्री सीताशरण जी महाराज, श्री रमाकांत त्रिपाठी, सदगुरू सेवा संघ के ट्रस्ट के डॉ. बी.के. जैन, डीआरआई के उपाध्यक्ष श्री निखिल प्रभाकर मण्डले और बसंत पण्डित ने सुझाव दिये।

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