joharcg.com मुंबई: भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज और उमरान मलिक के साथ ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा 2024-25 दुलीप ट्रॉफी के पहले दौर से बाहर हो गए हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने मंगलवार को इस निर्णय की घोषणा की। इस निर्णय के बाद ट्विटर पर भी चर्चा जोरों पर चली। कई उपयुक्ताएं इस निर्णय को नकारा और उन्होंने बताया कि सिराज, मलिक और जडेजा की अभावता में आने से टीम को नुकसान होगा।
दुलीप ट्रॉफी क्रिकेट प्रतियोगिता भारतीय क्रिकेट पंजीकरण बोर्ड द्वारा आयोजित की जाती है, जिसमें देश के प्रमुख गेंदबाज और बल्लेबाज हिस्सा लेते हैं। इस साल की दुलीप ट्रॉफी के पहले दौर में सिराज, मलिक और जडेजा की अभावता का नामों के इतिहास में दाग हो जाएगा।
मोहम्मद सिराज, उमरान मलिक और रवींद्र जडेजा भारतीय क्रिकेट की एक अहम हस्ती हैं। इन तीनों के अभावता में ट्रॉफी में टकराव कमजोर हो जाएगा। सिराज ने हाल ही में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलेगी सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया था। वह अब अगले साल की डुलीप ट्रॉफी में नहीं खेलेंगे। उमरान मलिक और जडेजा भी दुलीप ट्रॉफी में अपनी प्रदर्शन क्षमता के लिए पहचाने जाते हैं। उनकी अभावता से इस टूर्नामेंट में कमी आएगी।
बीसीसीआई ने इस निर्णय का जवाब मंगलवार की एक प्रेसवार्ता में दिया। इसमें उन्होंने बोर्ड की पहल स्तर की क्रिकेट प्रतियोगिता को मजबूत बनाने के लिए ऐसा प्रयास किया है। इस निर्णय के बाद आम जनता भी हलचल में हैं। कई लोग इस निर्णय पर अपनी राय दे रहे हैं और सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा हो रही है। इस निर्णय ने क्रिकेट प्रेमियों को हिला कर रख दिया है। सिराज, मलिक, और जडेजा के अभावता से दुलीप ट्रॉफी में काफी दिलचस्पता आ गयी है।
भारतीय क्रिकेट के कुछ बड़े नाम, जैसे मोहम्मद सिराज, उमरान मलिक, और रवींद्र जडेजा, इस बार दुलीप ट्रॉफी के पहले दौर से बाहर हो गए हैं। यह निर्णय भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा लिए गए कुछ महत्वपूर्ण रणनीतिक बदलावों का हिस्सा है, जो इस प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट को लेकर नए सिरे से सोचने का परिणाम है।
सिराज, जो भारतीय टीम के तेज गेंदबाजी आक्रमण का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं, ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है। उनके तेज गेंदबाजी के जादू ने कई मुकाबलों में भारत को जीत दिलाई है। लेकिन दुलीप ट्रॉफी में उनकी अनुपस्थिति ने कई क्रिकेट प्रशंसकों को हैरान कर दिया है। सिराज को आराम देने का फैसला उनकी बढ़ती जिम्मेदारियों और आगामी अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
उमरान मलिक, जो अपनी तेज गति के लिए जाने जाते हैं, भी इस टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं। उमरान के नाम पर विश्व क्रिकेट में एक नई पहचान बनी है, खासकर उनकी 150 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गेंद फेंकने की क्षमता के चलते। लेकिन उनकी इस ट्रॉफी से गैरमौजूदगी को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद बोर्ड उन्हें भविष्य की बड़ी चुनौतियों के लिए सहेज कर रखना चाहता है।
रवींद्र जडेजा, जो भारतीय टीम के सबसे भरोसेमंद ऑलराउंडर्स में से एक हैं, भी इस टूर्नामेंट में नजर नहीं आएंगे। जडेजा की अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि वे टीम के लिए एक बहुमूल्य खिलाड़ी हैं, जो बल्ले और गेंद दोनों से योगदान देते हैं। उनकी यह अनुपस्थिति शायद उनके हालिया चोटों के कारण हो सकती है, जिससे वे अभी पूरी तरह उबर नहीं पाए हैं।
इस निर्णय का उद्देश्य संभवतः इन खिलाड़ियों को अधिक आराम देना और उन्हें भविष्य के अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के लिए तैयार करना है। भारतीय टीम के लिए आने वाले दिनों में कई महत्वपूर्ण सीरीज और टूर्नामेंट हैं, और इन सितारों की फिटनेस को बरकरार रखना बोर्ड के लिए प्राथमिकता है।
इस निर्णय से दुलीप ट्रॉफी के पहले दौर में प्रतिस्पर्धा का स्तर थोड़ा कमजोर हो सकता है, लेकिन यह भी एक मौका है अन्य युवा खिलाड़ियों के लिए, जो खुद को साबित करने के लिए इस मंच का उपयोग कर सकते हैं। भारतीय क्रिकेट में नए सितारों के उभरने का यह समय हो सकता है, और भविष्य के लिए यह रणनीति कारगर साबित हो सकती है।
इस लेख में भारतीय क्रिकेट के तीन बड़े खिलाड़ियों के दुलीप ट्रॉफी से बाहर होने के कारणों पर प्रकाश डाला गया है, जो आने वाले समय में टीम इंडिया की रणनीति को दर्शाता है।