joharcg.com भारतीय हॉकी टीम को पेरिस ओलंपिक 2024 के सेमीफाइनल में जर्मनी के खिलाफ 3-2 से हार झेलनी पड़ी है। जर्मनी के मार्को मिल्तको ने आखिरी मिनट में गोल करके टीम इंडिया से जीत छीन ली। एक समय स्कोर 2-2 से बराबरी पर चल रहा था। लेकिन उनके गोल की वजह से भारत को हार का मुंह देखना पड़ा। अब ब्रॉन्ज मेडल के मैच में हॉकी टीम का सामना स्पेन की टीम से होगा। मैच की शुरुआत में ही भारत को कई पेनाल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन भारतीय टीम को सफलता नहीं मिल पाई। इसके बाद सातवें मिनट में भारत के कप्तान हरमप्रीत सिंह ने कोई गलती नहीं की और दमदार अंदाज में पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल कर दिया।
फिर भारतीय हॉकी टीम ने पहले क्वार्टर में 1-0 की बढ़त कायम रखी। दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में ही जर्मनी की तरफ से गोंजालो पैलेट ने गोल करके मैच में स्कोर 1-1 से गोल कर दिया। गोंजालो ने 18वें मिनट में गोलकर टीम को बराबरी दिलाई। इसके थोड़ी देर बाद 27वें मिनट में जर्मनी की तरफ से क्रिस्टोफर रूड ने गोल कर दिया। इससे मैच में जर्मनी ने 2-1 से लीड हासिल कर ली। दूसरा क्वार्टर पूरी तरह से जर्मनी के नाम रहा। भारतीय प्लेयर्स ने गोल करने के कई मौके बनाए। पर गोल नहीं हो पाया।
ओलंपिक 2024 में भारतीय हॉकी टीम का गोल्ड मेडल जीतने का सपना टूट गया है। सेमीफाइनल में जर्मनी से मिली दिल तोड़ने वाली हार के बाद भारतीय टीम को गोल्ड मेडल की दौड़ से बाहर होना पड़ा। यह हार न केवल खिलाड़ियों के लिए बल्कि पूरे देश के हॉकी प्रेमियों के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई है।
भारतीय हॉकी टीम ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया था और सेमीफाइनल तक पहुँचने के लिए कई मुश्किल मुकाबलों में जीत हासिल की थी। भारतीय टीम का आत्मविश्वास उच्चतम स्तर पर था, और सभी को उम्मीद थी कि वे इस बार गोल्ड मेडल जरूर जीतेंगे। लेकिन जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबला भारतीय टीम के लिए कठिन साबित हुआ।
सेमीफाइनल मुकाबला शुरू से ही तनावपूर्ण और रोमांचक था। दोनों टीमों ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया, लेकिन जर्मनी की टीम ने भारतीय डिफेंस को भेदते हुए महत्वपूर्ण गोल दागे। भारतीय टीम ने भी कड़ी टक्कर दी और कई मौकों पर गोल करने की कोशिश की, लेकिन जर्मनी के गोलकीपर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारतीय हमलों को विफल कर दिया।
मुकाबले के अंत में, जर्मनी ने 4-2 से जीत दर्ज की और फाइनल में जगह बनाई। भारतीय खिलाड़ियों ने पूरी मेहनत और जज्बे के साथ खेला, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। इस हार के बाद भारतीय टीम के खिलाड़ियों के चेहरे पर निराशा स्पष्ट दिखाई दी।
टीम के कोच ने कहा, “हमारी टीम ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया और खिलाड़ियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। सेमीफाइनल में हारना दुखद है, लेकिन हम अपनी गलतियों से सीखेंगे और आने वाले टूर्नामेंट्स में और भी मजबूती से वापसी करेंगे।”
भारतीय हॉकी टीम के प्रशंसकों के लिए यह हार निराशाजनक रही, लेकिन खिलाड़ियों के संघर्ष और प्रयासों को सलाम करना भी जरूरी है। भारतीय टीम ने ओलंपिक में अपने प्रदर्शन से यह साबित कर दिया कि वे दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक हैं और भविष्य में और भी बड़े मुकाम हासिल करने की क्षमता रखते हैं।
अब भारतीय टीम कांस्य पदक के लिए खेलेगी और देशवासियों को उम्मीद है कि वे इस मुकाबले में जीत हासिल कर देश का गौरव बढ़ाएंगे। ओलंपिक 2024 में भारतीय हॉकी टीम का सफर चाहे गोल्ड तक न पहुँच पाया हो, लेकिन उनकी मेहनत और जज्बे ने देशवासियों का दिल जरूर जीत लिया है।