joharcg.com पेरिस पैरालंपिक में भारत का परचम एक बार फिर ऊंचा हुआ, जब नितेश ने अपने अद्भुत प्रदर्शन से गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया। नितेश की इस ऐतिहासिक जीत ने न केवल खेल प्रेमियों को गर्वित किया, बल्कि उन्होंने यह साबित कर दिया कि मेहनत और समर्पण से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।
इस शानदार मुकाबले में नितेश ने अपनी कड़ी मेहनत, धैर्य, और उत्कृष्ट कौशल का प्रदर्शन किया, जिससे वे अपने प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ते हुए विजयी बने। उनकी इस सफलता ने पूरे देश को गर्व और उत्साह से भर दिया है।
नितेश की इस जीत के बाद खेल जगत से लेकर आम जनता तक सभी ने उनकी सराहना की। प्रधानमंत्री, खेल मंत्री और कई अन्य प्रमुख हस्तियों ने नितेश को बधाई दी और उनकी इस सफलता को देश के लिए एक गौरवशाली क्षण बताया।
नितेश की इस जीत ने उन सभी खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का काम किया है जो कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी यह जीत एक मिसाल है कि यदि आत्मविश्वास और समर्पण के साथ मेहनत की जाए, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
पेरिस पैरालंपिक में नितेश की इस सफलता के बाद अब सबकी निगाहें आगामी प्रतियोगिताओं पर हैं, जहां उनसे और भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है। नितेश की इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि भारत के पैरालंपिक खिलाड़ी भी विश्वस्तरीय प्रतिस्पर्धा में किसी से कम नहीं हैं।
नितेश कुमार ने बैडमिंटन के सिंगल्स एसएल 3 फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को हरा दिया है और उन्होंने गोल्ड मेडल जीत लिया है। उन्होंने फाइनल मुकाबला 21-14, 18-21 और 23-21 से अपने नाम किया है। वह मौजूदा पैरालंपिक में बैडमिंटन में गोल्ड जीतने वाले पहले खिलाड़ी हैं। साल 2009 में ट्रेन दुर्घटना में उन्होंने अपना पैर गंवा दिया। इसके बाद भी उन्होंने हिम्मत ना हारते हुए खेल में वापसी की और पैरालंपिक में भारत का डंका बजाया है।
पहले गेम में नितेश कुमार ने दमदार प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने विरोधी खिलाड़ी को टिकने का मौका नहीं दिया। डेनियल बेथेल भारतीय खिलाड़ी नितेश कुमार के सामने बुरी तरह से फ्लॉप रहे। नितेश ने शानदार खेल का नमूना पेश किया। उन्होंने शुरुआत से ही बढ़त बरकरार रखी है। इसी वजह से उन्होंने गेम 21-14 से अपने नाम कर लिया।