joharcg.com पूर्व NBA खिलाड़ी स्कॉट पोलार्ड ने अपने बास्केटबॉल करियर में काफी नाम कमाया, लेकिन अब वह खेल से परे एक व्यक्तिगत और भावनात्मक यात्रा पर हैं। हृदय प्रत्यारोपण की प्रक्रिया से गुजरने के बाद, पोलार्ड अब अपने हृदय दाता के परिवार से संपर्क करने की उम्मीद कर रहे हैं। यह कहानी सिर्फ एक स्वास्थ्य चुनौती से जूझने की नहीं है, बल्कि इसमें एक गहरी मानवता और कृतज्ञता का भाव निहित है।

स्कॉट पोलार्ड को हाल ही में हृदय प्रत्यारोपण की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा, जिसने उन्हें एक नई ज़िंदगी दी। यह एक जटिल और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया थी, लेकिन पोलार्ड ने इसे साहस और धैर्य के साथ पूरा किया। जिस हृदय के जरिए अब वह ज़िंदा हैं, वह किसी अनजान दाता का उपहार है, जो उनकी जिंदगी को बचाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है।

स्कॉट पोलार्ड ने इस नई जिंदगी के साथ अपनी जिम्मेदारियों को और भी गहराई से महसूस किया है। वे अब उस परिवार से मिलने की इच्छा रखते हैं, जिसने उन्हें यह अनमोल तोहफा दिया। यह उनके लिए न सिर्फ आभार व्यक्त करने का एक तरीका है, बल्कि उस परिवार के दर्द और नुकसान को साझा करने की भी एक कोशिश है।

पोलार्ड ने मीडिया से बातचीत में अपनी इस भावना को साझा किया कि वे अपने हृदय दाता के परिवार से संपर्क करने की तीव्र इच्छा रखते हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया में कुछ कानूनी और नैतिक चुनौतियां होती हैं, क्योंकि हृदय दान से जुड़े मामलों में गोपनीयता महत्वपूर्ण होती है। फिर भी, पोलार्ड को उम्मीद है कि वह एक दिन उस परिवार तक पहुंच सकेंगे और उन्हें व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद दे पाएंगे।

उन्होंने कहा, “मैं हर दिन उस दाता और उसके परिवार के बारे में सोचता हूं। मैं उनकी कृतज्ञता से अभिभूत हूं और उन्हें यह बताना चाहता हूं कि उनका यह उपहार मेरी जिंदगी को किस तरह से बदल चुका है।”

इस कहानी से यह स्पष्ट होता है कि खेल और प्रसिद्धि से परे, जीवन में मानवता और संबंधों का क्या महत्व है। पोलार्ड की इस यात्रा ने न केवल उन्हें एक नई ज़िंदगी दी है, बल्कि यह दुनिया को यह दिखाने का मौका भी दिया है कि दान और कृतज्ञता कैसे किसी के जीवन को बदल सकते हैं।

पोलार्ड ने अपने प्रशंसकों और समाज को भी ऑर्गन डोनेशन की प्रक्रिया के बारे में जागरूक करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा कदम है, जिससे एक व्यक्ति अपनी मृत्यु के बाद भी किसी और की जिंदगी बचा सकता है। “यह एक छोटा सा निर्णय है, लेकिन इसका प्रभाव अनंत है,” पोलार्ड ने कहा।

स्कॉट पोलार्ड की यह कहानी खेल जगत से इतर एक गहरे मानवीय अनुभव को दर्शाती है। उनकी हृदय दाता के परिवार से मिलने की इच्छा हमें यह सिखाती है कि जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीज़ें खेल के मैदान के बाहर होती हैं। पोलार्ड की इस भावुक यात्रा से हम सबक ले सकते हैं कि जीवन में कृतज्ञता और संबंधों का मूल्य क्या होता है, और कैसे एक दाता का छोटा सा कदम किसी की पूरी जिंदगी को बदल सकता है।

उत्तर प्रदेश के एक मंदिर के पुजारी इश्वरचंद्र गिरी ने चुनाव आयोग को एक खास संदेश दिया है। उन्होंने चुनाव आयोग को लिखा है कि धर्मिक स्थलों पर मतदान केंद्र न बनाए जाने पर उन्हें बहुत दुःख होगा। उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक स्थलों पर मतदान करना बहुत श्रेष्ठ काम है।

उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों पर मतदान करने से लोगों में एकता और भाईचारे की भावना उत्पन्न होती है। उन्होंने इसका जिक्र करते हुए कहा कि इस से सामाजिक सचेतता बढ़ती है और लोग एक-दूसरे के साथ मिलजुलकर रहते हैं। उनका कहना है कि धर्मिक स्थलों पर मतदान के अवसर पर लोग ध्यान देते हैं और यह एक महत्वपूर्ण कार्य है। उन्होंने इसे देशहित में बहुत महत्वपूर्ण माना है और सभी लोगों को मतदान के अवसर का सम्मान करने की अपील की है।

इश्वरचंद्र गिरी ने चुनाव आयोग से अपील की है कि धर्मिक स्थलों पर मतदान का स्थान बनाए रखा जाए और लोगों को मतदान के अवसर को सम्मान दिखाने का अवसर दिया जाए। उन्होंने इसे एक बहुत महत्वपूर्ण कदम बताया है और सभी लोगों से अपील की है कि वे मतदान के अवसर को सराहनीय तरीके से सम्मानित करें। इश्वरचंद्र गिरी ने इस अपील में बताया कि मतदान के अवसर पर लोगों को अपने देश के प्रति जिम्मेदारी का एहसास होता है और वे अपने देश के भविष्य के लिए सहयोग करते हैं।

इस तरह की अपील से लोगों में उत्साह बढ़ेगा और वे मतदान के अवसर को समझेंगे और उसे सम्मान करेंगे। इस अपील को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग को फॉलो करना चाहिए और धर्मिक स्थलों पर मतदान के अवसर को बनाए रखना चाहिए। इस अपील से लोगों में सचेतना पैदा होगी और वे मतदान के महत्व को समझेंगे। यह एक बहुत ही उत्तम कदम होगा जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूती से आगे बढ़ाएगा।

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