joharcg.com भारतीय एथलेटिक्स की तेज धाविका और देश की शान, हिमा दास को हाल ही में NADA (नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी) के अपील पैनल ने डोपिंग के गंभीर आरोपों से बरी कर दिया है। यह फैसला न केवल हिमा दास के करियर के लिए एक बड़ी राहत है, बल्कि यह एथलीट की सच्चाई और ईमानदारी की जीत के रूप में भी देखा जा रहा है।

हिमा दास पर डोपिंग के आरोप तब लगाए गए जब एक रूटीन टेस्ट के दौरान उनके सैंपल में कुछ प्रतिबंधित पदार्थ पाए गए। इस खबर ने भारतीय खेल जगत में हड़कंप मचा दिया था, क्योंकि हिमा दास न केवल एक प्रतिभाशाली धाविका हैं, बल्कि वह देश के कई युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत भी हैं।

डोपिंग के इन आरोपों ने हिमा दास के करियर पर सवाल खड़े कर दिए थे, और उन्हें कई प्रतियोगिताओं से दूर रहना पड़ा। हिमा ने हमेशा अपनी सच्चाई पर अडिग रहते हुए डोपिंग के आरोपों से इनकार किया और जांच प्रक्रिया का सामना किया।

काफी समय तक चली जांच और सुनवाई के बाद, NADA के अपील पैनल ने हाल ही में यह फैसला सुनाया कि हिमा दास के खिलाफ लगाए गए डोपिंग के आरोप निराधार हैं। पैनल ने कहा कि हिमा दास के सैंपल में जो पदार्थ पाया गया था, वह किसी गलती या अनजाने में हुआ इस्तेमाल हो सकता है, और इसका कोई जानबूझकर किया गया उल्लंघन नहीं है।

पैनल ने यह भी कहा कि एथलीट का रिकॉर्ड और उनके द्वारा दिए गए बयान उनकी ईमानदारी की पुष्टि करते हैं। हिमा दास ने कभी भी किसी प्रकार के प्रदर्शन को बढ़ाने वाले पदार्थों का जानबूझकर सेवन नहीं किया है, और यह मामला महज एक अनजाने घटना का परिणाम हो सकता है।

हिमा दास का रिएक्शन

इस फैसले के बाद, हिमा दास ने अपने प्रशंसकों और समर्थकों का धन्यवाद किया, जिन्होंने इस मुश्किल समय में उनका साथ दिया। उन्होंने कहा, “मैं हमेशा खेल को ईमानदारी और कड़ी मेहनत के साथ खेलने में विश्वास करती हूं। इस निर्णय ने मेरी सच्चाई और समर्पण को साबित किया है।”

हिमा ने यह भी कहा कि वह अब अपने करियर पर फिर से ध्यान केंद्रित करेंगी और भविष्य में देश के लिए और भी बेहतरीन प्रदर्शन करने का प्रयास करेंगी।

डोपिंग और खेल में सच्चाई की जीत

यह घटना खेल जगत के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि सच्चाई और ईमानदारी के साथ संघर्ष करने वाले एथलीट अंततः जीतते हैं। डोपिंग के मामलों में जहां कई खिलाड़ी दोषी पाए जाते हैं, वहीं हिमा दास की सच्चाई और उनकी लड़ाई ने यह साबित किया है कि हर आरोप सही नहीं होता।

NADA अपील पैनल का यह निर्णय भारतीय एथलेटिक्स के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि हिमा दास जैसे खिलाड़ी भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गर्व से ऊँचा करते हैं।

हिमा दास के डोपिंग मामले में बरी होने से यह स्पष्ट हो गया है कि सच्चाई और ईमानदारी की जीत होती है। NADA अपील पैनल ने अपने फैसले से यह संदेश दिया है कि हर एथलीट का पक्ष सुना जाना चाहिए और सही न्याय होना चाहिए। हिमा दास अब अपने करियर की नई शुरुआत करने के लिए तैयार हैं, और उनके प्रशंसक उनके अगले शानदार प्रदर्शन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

भारतीय धावक हिमा दास को नाडा के एंटी-डोपिंग अपील पैनल (ADAP) ने डोपिंग के आरोप से बरी कर दिया है। इस निर्णय के पीछे की कहानी खास है। हिमा दास को 12 महीनों में तीन बार अपने ठिकाने का पता न लगा पाने के कारण डोपिंग के आरोप लगाए गए थे। इसके बाद नाडा ने इस मामले पर एक अपील पैनल की गठन की थी। इस अपील पैनल ने धावक हिमा दास के पक्ष में विचार किया और उन्हें डोपिंग के आरोपों से मुक्त कर दिया।

यह फैसला नाडा के एंटी-डोपिंग अपील पैनल (ADAP) का है। इस पैनल ने हिमा दास के साथ हाल ही में होई बातचीत की सुनवाई के बाद यह निर्णय लिया है। हिमा दास भारत की जानी-मानी धावक हैं और उन्होंने अपने प्रदर्शनों से स्पर्धात्मक दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। इस निर्णय से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी और वे अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए तैयार रहेंगी।

भारतीय खिलाड़ी हिमा दास के डोपिंग के आरोपों से बरी होने से भारतीय खेल संस्थानों को भी खुशी होगी। वे उन्हें समर्थन देने और उनके प्रदर्शनों को बढ़ावा देने में जुटे रहेंगे। इस निर्णय ने हिमा दास के और भी मुस्तैदी से अगले वर्षों में उच्च स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने की उम्मीद दिलाई है। इसे भारतीय खेल के लिए एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा सकता है और हिमा दास के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो उन्हें और अधिक सफलता की ओर ले जाएगा।

इस निर्णय से हिमा दास को नई ऊर्जा और मनोबल मिलेगा और वे आने वाली प्रतियोगिताओं में अच्छे प्रदर्शन करने के लिए तैयार रहेंगी। आखिरकार, यह निर्णय नाडा के अदालती पैनल के द्वारा किया गया है और हिमा दास के लिए एक बड़ी विजय की ओर कदम बढ़ाने के रूप में देखा जा सकता है। अंत में, हमें गर्व है कि भारतीय धावक हिमा दास पर लगे डोपिंग के आरोप साबित नहीं होने के बाद उन्हें न्याय मिला है और उनके प्रतिभा को सम्मान दिया गया है।

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