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Joharcg.com विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा को देखने के लिए देश-दुनिया से बस्तर पहुंचने वाले पर्यटकों को बस्तर की विविध जनजातीय संस्कृति से रूबरू कराने के प्रयास में जिला प्रशासन की पहल से दंतेश्वरी मंदिर परिसर के पास देवी मड़ई का आयोजन हुआ। जिसमें तीन प्रमुख पंडालों का निर्माण कराया गया था जिनमें क्रमानुसार लोक धार्मिक गायन, लोक एवं धार्मिक नृत्य और लोक कथा वाचन के माध्यम से पर्यटकों को बस्तर की विविध संस्कृति एवं दशहरा के पौराणिक महत्व से परिचित कराया गया।

देवी मड़ई के अवसर पर बस्तरिया शिल्प कला, हस्त कला, धातु शिल्प, मृदा शिल्प, बांस शिल्प, सीसल शिल्प के विशेष प्रदर्शनी एवं विक्रय स्टॉल समेत बस्तरिया पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद पर्यटकों को मिला। इन स्टॉलों में बस्तर के क्षेत्रीय उत्पादों को भी प्रदर्शित किया गया, देवी मड़ई के आयोजन के मद्देनजर श्रोताओं, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जिला प्रशासन द्वारा खान-पान, रहन-सहन, पार्किंग व्यवस्था, आवागमन के साधन एवं सुरक्षा का विशेष प्रबंध किया गया था।

मड़ई मेले में लोक धार्मिक गायन, लोक धार्मिक नृत्य और लोक कथा वाचन की प्रस्तुतियों ने यहां मौजूद हर श्रोता को हर्षित कर दिया और सस्वर गायन वाचन ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान मड़ई मेले परिसर में मां दंतेश्वरी और बस्तर दशहरा की जय-जयकार गूंज उठी। इस अवसर पर श्रोताओं ने मनोरंजक ढंग से बस्तर के ऐतिहासिक पहलुओं और पारंपरिक रिवाजों के विषय में बेहद दिलचस्प जानकारी प्राप्त की।

सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष दीपक बैज ने बुधवार को माई दंतेश्वरी के तैलचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन कर देवी मंडई का शुभारंभ किया। उन्होंने बस्तर की लोक संस्कृति को पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बताते हुए बस्तर जिले प्रशासन द्वारा देवी मंडई के माध्यम से इसके संरक्षण और प्रसार के लिये किये गए पहल की सराहना की। इस दौरान उन्होंने यहां लगाई गई स्टालों का भी अवलोकन किया।

कलेक्टर रजत बंसल ने बताया कि 75 दिनों तक चलने वाला छत्तीसगढ़ का बस्तर दशहरा पूरी दुनिया में आकर्षण का प्रमुख केंद्र है, बस्तर दशहरा में आने वाले पर्यटक केवल दशहरा के रस्मो रिवाज से ही परिचित हो पाते थे, हमने देवी मड़ई की शुरुआत इसलिए की कि बस्तर आने वाले सभी पर्यटक देवी मड़ई में शामिल होकर कम समय में भी संपूर्ण बस्तर के पारंपरिक महोत्सव का भाग बन सके और बस्तर की संस्कृति और परंपरा का अनुभव संजो सके।

इस दौरान महापौर श्रीमती सफीरा साहू, नगर निगम अध्यक्ष श्रीमती कविता साहू, नगर निगम में लोक निर्माण समिति के अध्यक्ष यशवर्द्धन राव पुलिस अधीक्षक जितेंद्र मीणा, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी ऋचा प्रकाश चैधरी, सहायक कलेक्टर सुरुचि सिंह, नगर निगम आयुक्त प्रेम पटेल, अनुविभागीय दंडाधिकारी जीआर मरकाम सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

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