गोधन योजना से सृजित हो रहे हैं रोजगार के नए अवसर : किसान बढ़ रहे हैं जैविक खेती की ओर
मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना की 10वीं किश्त में गोबर विक्रेताओं के खातों में अंतरित की 5.12 करोड़ रूपए की राशि
गोधन न्याय योजना में अब तक 1.40 लाख गोबर विक्रेताओं को 64.20 करोड़ रूपए का भुगतान
गौठानों में किसानों ने किया 5 करोड़ रूपए मूल्य का पैरादान

रायपुर – मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज प्रदेश सरकार की गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों के खाते में गोबर खरीदी की 10वीं किश्त की राशि के रूप में 5 करोड़ 12 लाख रूपए की राशि गौपालकों के खाते में अंतरित की। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के 1 लाख 40 हजार से अधिक पशुपालक लाभान्वित हो रहे हैं।

विधानसभा परिसर स्थित अपने कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित इस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत अब तक गौपालकों को 64 करोड़ 20 लाख रूपए की राशि दी जा चुकी है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में परिवर्तन आ रहा है। रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं और किसान जैविक खेती की ओर बढ़ रहे हैं। गोधन न्याय योजना में गोबर खरीदी के साथ-साथ हजारों ग्रामीण महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन का कार्य कर रही है। वर्मी कम्पोस्ट की विक्रय दर 8 रूपए प्रति किलो से बढ़ाकर 10 रूपए प्रति किलो कर दी गई है। इस योजना से नए रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। जो किसान वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग कर रहे हैं, वे जैविक खेती की ओर बढ़ रहे हैं। श्री बघेल ने कहा कि जैविक खेती में उत्पादित होने वाले अनाज और फलों की कीमत डेढ़ से दोगुनी बढ़ जाती है। इससे किसानों की आय में भी अच्छी खासी वृद्धि होगी। उन्होंने गोधन योजना से जुड़े सभी हितग्राहियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे और कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता उपस्थित थीं।

कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. गीता ने बताया कि प्रदेश में 7 हजार 824 गौठान स्वीकृत किए गए हैं। जिनमें से 4 हजार 704 गौठान पूरे हो गए हैं। इनमें से 4 हजार 173 गौठान सक्रिय हैं। गोधन न्याय योजना के अंतर्गत अब तक 32 लाख 10 हजार क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है। गोबर से गौठानों में तैयार की गई 8 हजार 50 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट की अब तक बिक्री की जा चुकी है। गौठानों में किसानों ने लगभग 5 करोड़ रूपए मूल्य का पैरा दान किया है। गौठानों में पशु के चारा के रूप में अजोला का उत्पादन किया जा रहा है। जिसमें लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। उन्होंने बताया कि गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण के लिए 78 हजार 47 वर्मी टांका स्वीकृत किए गए थे, जिसमें से 54 हजार 241 वर्मी टांका पूर्ण हो गए हैं और 16 हजार 810 वर्मी टांका का निर्माण प्रगति पर है। डॉ. गीता ने बताया कि रायपुर की दो प्रयोगशालाओं सहित दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा, बस्तर और रायगढ़ की एक-एक प्रयोगशाला में वर्मी कम्पोस्ट के नमूनों की जांच की जा रही है। अब तक 1,006 नमूनों का विश्लेषण किया जा चुका है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों में 47.5 प्रतिशत हितग्राही अन्य पिछड़ा वर्ग के, 44 प्रतिशत हितग्राही महिलाएं और 41 प्रतिशत हितग्राही अनुसूचित जनजाति वर्ग और 7.80 प्रतिशत हितग्राही अनुसूचित जाति वर्ग के हैं।