रायपुर – छत्तीसगढ़ में सतनामी समाज सबसे बड़ा, संगठित, सशक्त और जागरूक समाज है। कई लोगों द्वारा कहा जाता है कि यह समाज संगठित नहीं है। लेकिन ऐसी बात नहीं है। जहां गुरू घासीदास बाबा की बात आती है तो यह समाज अपने संगठित और जागरूक समाज होने का परिचय देता है। राज्य के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने जिला मुख्यालय मुंगेली के पावन धरा सतनाम भवन और लालपुर धाम में आयोजित सतनाम संदेश यात्रा में यह बात कही। गुरू रूद्रकुमार ने राजागुरू बालक दास की स्मृति में आयोजित सतनाम संदेश यात्रा के तहत रायपुर जिले के फाफाडीह, खमतराई, बीरगांव, धनेली, सांकरा, धरसीवा, देवरी, तरपोंगी, भाठापारा बालोदा बाजार जिले के आगमधाम खडुआ सिंमगा, बेमेतरा जिले के कठियां,जोवरा, डोकला, पथर्रा, बेमेतरा शहर, चारभाठा, झाल, अधियारखोर, नवागढ़, संबलपुर और मुंगेली जिले के धनेली एवं संबलपुर होते हुए जिला मुख्यालय मुंगेली के पावन धरा सतनाम भवन और ग्राम बिरगांव, झुलना, कोदवाबानी, गुरूवाईनडबरी, मारूकापा और लालपुर धाम पहुॅचे थे। इस दौरान लोगों ने मंत्री गुरू रूद्रकुमार का जगह-जगह पुष्प वर्षा और पंथी गीत एवं नृत्य के माध्यम से भव्य और ऐतिहासिक स्वागत किया गया। इस अवसर पर उन्होंने लालपुर धाम में जोडा जैतखाम और गुरू गद्दी की पूजा अर्चना की। ज्ञातव्य है कि मंत्री गुरू रूद्रकुमार कल 03 नवम्बर को दो दिवसीय प्रवास पर मुंगेली पहुॅचे थे।

मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने सतनाम संदेश यात्रा को संबोधित करते हुए कहा कि सतनाम संदेश यात्रा समाज के लोगों की इच्छा पर प्रारंभ की गई है। इस यात्रा के दौरान गुरू घासीदास बाबा के बताये गये संदेश  सत्य, अहिंसा, दया, करूणा, नारी सम्मान, मनखे-मनखे एक समान, अंधविश्वास और आडम्बर से दूर रहने, नशा पान नहीं करने और बाबा जी के बताएं गए संमार्ग, आदर्श और विचार को अनुसरण करने की बात कहीं। उन्होंने सतनाम संदेश यात्रा में कहा कि गुरू घासीदास ने ऊॅच-नीच के भेद-भाव को मिटाने के लिए सामाजिक समरसता का संदेश दिया है और उनका संदेश आज भी प्रासंगिक है। इसके पूर्व समाज के लोगों ने मनखे-मनखे एक समान और सत्य ही मानव का आभूषण है का नारा लगाकर विभिन्न समाजों को एक माला में पिरोने का कार्य किया।

मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने कहा कि सतनामी समाज की विशिष्ट पहचान है। सतनामी समाज को स्वच्छ, स्वस्थ, समृद्ध और संगठित समाज के रूप में जाना जाता है। जिसके फलस्वरूप समाज की आर्थिक और सामाजिक विकास को गति मिली है। उन्होंने कहा कि समाज के विकास में स्वर्गीय मिनिमाता और करूणा माता के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। समाज के विकास में उनका योगदान अतुलनीय है। उन्होने स्वर्गीय मिनिमाता और करूणा माता के व्यक्तित्व और कृतित्व पर भी प्रकाश डाला। इस अवसर पर समाज के समस्त राजमहंत, जिलामहंत, साटीदार, भण्डारी सहित बड़ी संख्या में सतनामी समाज के लोग उपस्थित थे।