संक्रमण की रोकथाम के लिए तैयार किए मास्क, साबुन सहित विभिन्न सामग्री

कोरोना संक्रमण के संकट काल में स्व-सहायता समूहों की महिलाओं ने अपने सशक्तिकरण और सामर्थ्य की कई मिसालें पेश की हैं। कोरोना संक्रमण के भय के चलते जब लोगों ने अपने काम-काज, कारोबार और जिम्मेदारियों को छोड़कर अपने आप को घर तक सीमित कर लिया। ऐसी विषम परिस्थिति में भी समूह की महिलाओं ने न सिर्फ अपने सामाजिक सरोकार को जिन्दा रखा, बल्कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी श्रमिक भाई बहनों की सेवा प्रबंध में भी बढ़-चढ़कर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है। कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए समूह से जुड़ी महिलाओं ने रात-दिन एक कर लाखों की संख्या में कपड़े का मास्क तैयार कर इसकी आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ ही सेनेटाईजर, साबुन, सेनेटरी पैड, फिनाइल आदि का निर्माण कर इसकी भी व्यापक पैमाने पर उपलब्धता सुनिश्चित की है। 
     बिहान परियोजना के तहत राज्य के लगभग सभी जिलों के महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने अपनी आयमूलक गतिविधियों से अच्छी आमदनी भी हासिल की है। बेमेतरा जिले की बिहान समूह की महिलाओं ने क्वॉरंटाईन सेंटर में रह रहे लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था, दोना-पत्तल, फिनाइल, मास्क आदि की आपूर्ति कर 19 लाख रूपए से अधिक की आमदनी अर्जित की है। महिलाओं ने सूखा राशन पैकेट तैयार करने के साथ ही दूध व सब्जी-भाजी की निःशुल्क व्यवस्था कर अपने सामाजिक सरोकार को भी निभाया है। महिला स्व-सहायता समूहों ने बैंक सखी के दायित्व का भी लॉकडाउन के दौरान बखूबी निर्वहन करते हुए समाज के निराश्रित एवं वृद्ध लोगों को पेंशन राशि का वितरण के साथ ही अमलीडीह कंटेंटमेंट जोन के लोगों को डिजिटल पेमेंट की सुविधा भी मुहैया कराने में मददगार बनी है। इसी तरह जशपुर जिले के बिहान परियोजना से जुड़ी 51 महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने लगभग 89 हजार मास्क तैयार कर स्वास्थ्य विभाग एवं शासन के विभिन्न विभागों को आपूर्ति कर 12 लाख रूपए से अधिक की आय अर्जित की है। 
 

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