रायपुर – प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि ठेले वाले, खोमचे वाले, छोटे दुकानदारों निजी क्षेत्र में नौकरियां करने वाले लाकडाउन सर्वाधिक प्रभावित है। रोज कमाने खाने वालों ने लाकडाउन ने दो महीने बहुत दुश्वारी और बेबसी में काटे है। किसानों को 10,000 रू. डायरेक्ट कैश बेनिफिट एकमुश्त भुगतान हो। हर मज़दूर परिवार को भी 10,000 रू. डायरेक्ट कैश बेनिफिट का एकमुश्त भुगतान हो। पीएम और वित्तमंत्री के पैकेज में गरीबों और मध्यवर्ग के लिये कुछ भी नहीं है। मोदी सरकार के 20 लाख करोड़ के पैकेज को लेकर वित्त मंत्री ने पत्रकार वार्तायें की लेकिन आज तक देश के गरीबों, मजदूर, किसानों, छोटे व्यापारियों ठेला लगाने वाले खोमचा लगाने वाले लोहार बढ़ई छोटे उद्योग धंधे करने वालों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि उन्हें कर्ज मिलने की घोषणा के अलावा मिला क्या है
प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पैकेज में चंद चहेते उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने वाली ढेरों घोषणाएं हैं। इन चहेते उद्योगपतियों को देश का सार्वजनिक क्षेत्र सौंपने की पूरी तैयारी है लेकिन क्या कोरोना ने इन उद्योगपतियों को प्रभावित किया है? जो इन चहेते उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने वाली यह घोषणा कोरोना पैकेज के नाम पर की गई है। कोरोना से तो सर्वाधिक प्रभावित देश के गरीब मजदूर खासकर प्रवासी मजदूर और छोटे-छोटे ठेले खोमचे छोटी दुकान लगाने वाले लोग हुए हैं। इन गरीब निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के पैकेज में कुछ भी नहीं है। निजी क्षेत्र में नौकरी करने वालों ने न केवल वेतन बल्कि कई लोग अपनी नौकरी से भी हाथ गवां बैठे हैं। छोटे दुकानदारों, छोटे उद्योग धंधे वालों की स्थिति भी अच्छी नहीं है। ऐसी स्थिति में सब को मदद पहुंचाने के बजाय केंद्र सरकार साहूकार की भूमिका में कल की घोषणा करती हुई नजर आ रही है। सवाल यह उठता है कि यह कटेगा कैसे अर्थव्यवस्था में तेजी कैसे आएगी और जिन लोगों ने 2 महीने में अपनी रोजी-रोटी केंद्र सरकार के कुप्रबंधन के कारण गवाही है उनका क्या होगा उन्हें क्या क्षतिपूर्ति दी जाएगी उनकी क्या मदद की जाएगी इस बारे में मोदी सरकार खामोश है।
कांग्रेस ने मांग की है कि केन्द्र सरकार मजदूर, किसानों और देश के हर आयकर नहीं देने वले परिवार को इस कठिन परिस्थिति में 10,000 रू. डायरेक्ट कैश बेनिफिट एकमुश्त भुगतान हो।श्री त्रिवेदी ने कहा है कि लाखों किसानों की सम्मान निधि की राशि बकाया है और इसका भुगतान तुरंत सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
उन्होंने केंद्र सरकार से कहा है कि कोरोना संकट के समय अनियोजित लॉक-डाउन की वजह से पूरे देश में जो अफ़रा-तफ़री का माहौल बना है उसके बाद सिर्फ़ किसानों की सहायता करने से काम नहीं चलेगा. उन्होंने कहा है कि केंद्र की सरकार से अब 10,000 रू. डायरेक्ट कैश बेनिफिट एकमुश्त भुगतान हो। जिसमें प्रत्येक मज़दूर परिवार 10,000 रू. डायरेक्ट कैश बेनिफिट का एकमुश्त भुगतान हो।श्री त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के समय न्याय योजना की बात कही थी और वादा किया था कि हर परिवार को हर महीने कम से कम 6,000 रुपए यानी वर्ष में 72,000 रुपए दिए जाएंगे. उन्होंने कहा है कि साल में तीन किस्तों में छह हज़ार रुपए देने वाली मोदी सरकार से अधिक की उम्मीद नहीं है लेकिन हर ऐसे परिवार को जो आयकर के दायरे से बाहर है, कम से कम 10,000 रुपए की राशि तत्काल तो देना ही चाहिए।

sources

118 replies on “पीएम और वित्तमंत्री के पैकेज में गरीबों और मध्यवर्ग के लिये कुछ भी नहीं”