रायपुर– सही पोषण छत्तीसगढ़ रोशन की अवधारणा के साथ पूरे प्रदेश में राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जा रहा है। इस दौरान प्रदेश में पोषण संबंधी जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। महिला बाल विकास विभाग द्वारा अन्य विभागों के सहयोग से आंगनबाड़ी केन्द्रों,स्कूलों,घरों की बाड़ियों,सामुदायिक भूमि में पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने पोषण वाटिका तैयार करायी जा रही हैं। इनमें मुख्य रूप से सब्जियां और फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं। 

पोषण वाटिकाओं को तैयार करने का मुख्य उद्देश्य मौसमी और ताजी सब्जियों और फल की पर्याप्त स्थानीय उपलब्धता से बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार लाना और हरी साग-सब्जियों को खान-पान में अनिवार्य रूप से शामिल करने हेतु जागरूकता लाना है। इन छोटी-छोटी पोषण वाटिकाओं में लौकी, बरबट्टी, लाल भाजी, पालक और मुनगा जैसे विभिन्न प्रकार की पौष्टिक हरी साग-सब्जियों के साथ पपीता,अमरूद जैसे पौष्टिक फलों के पौधे भी लगाए जा रहे हैं।

 कुपोषण स्तर में व्यापक कमी लाने हेतु बस्तर जिले में उद्यानिकी विभाग ने प्रत्येक विकास खण्ड में दो या तीन स्थानों का चयन महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से मुनगा, पपीता, बैंगन, तोरई एवं करेला सब्जी के पौधे लगवाकर पोषण वाटिका का निर्माण कराया गया है। राजनांदगांव जिले में कृषि विभाग की मदद से झारखण्ड की तर्ज पर पोषण वाटिकाएं तैयार की जा रही हैं। हर सेक्टर में लगभग 5 पोषण वाटिकाएं तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी तरह कई जिलों की आंगनबाड़ियों में पौधे लगाए गए है,ताकि इन केंद्रों के बच्चों को शुद्ध पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जा सके। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं गृहभेंट के माध्यम से समुचित पोषक आहार,स्तनपान,ऊपरी आहार और स्वच्छता संबंधी विषयों में हितग्राहियों समझा रही है। इस दौरान कोविड-19 से सुरक्षा के संबंध में समस्त निर्देशों का पालन भी किया जा रहा है।

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