रायपुर – लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा रोजगार का सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। इस योजना के माध्यम से सामुदायिक और व्यक्तिमूलक आजीविका संवर्धन के कार्यों के तहत जल संरक्षण, कृषि, उद्यानिकी और पशुपालन को मजबूती देने के साथ ही विविध परिसंपत्तियों का निर्माण किया जा रहा है। सूरजपुर जिले में मनरेगा के तहत संचालित 2239 कार्यों में आज की तिथि में करीब 67 हजार 624 मजदूर काम कर रहे है। कार्यस्थलों में कोरोना के संक्रमण से बचाव के सभी सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है।


मनरेगा के तहत गांवों में जल संरक्षण और आजीविका संवर्धन के कार्य प्राथमिकता के साथ स्वीकृत किए जा रहे हैं। जिले के सभी विकासखण्डों में निजी डबरी, कुआं, भूमि-सुधार, मेढ़-बंधान, तालाब निर्माण, पशु शेड निर्माण, गौठान निर्माण, चारागाह निर्माण, शासकीय भूमि पर वृक्षारोपण, व्यक्तिमूलक फलदार वृक्षारोपण, आंगनबाड़ी भवन निर्माण, हितग्राहियों के लिए बकरी शेड, मुर्गी शेड, महिला समूह के माध्यम से नर्सरी में पौध निर्माण, सिंचाई एवं जल निकासी के लिए नाली निर्माण, बोल्डर डेम, चेक डेम, गेबियन निर्माण तथा महिला समूह के लिए वर्क-शेड निर्माण जैसे काम कराए जा रहे हैं। प्रवासी श्रमिकों की क्वारेंटाइन अवधि पूरी होने के बाद उनके द्वारा काम की मांग पर शासन के निर्देश अनुरूप जिला प्रशासन द्वारा तत्काल रोजगार उपलब्ध कराने की तैयारी की जाएगी। जिनके पास मनरेगा जॉब-कार्ड नहीं हैं, उनके नए जॉब-कार्ड बनाए जाएंगे।

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