शहरी गवर्नेंस इंडेक्स-2020 रैंकिंग में छत्तीसगढ़ को तीसरा स्थान मिलने पर मंत्री डाॅ.शिवकुमार डहरिया ने दी बधाई

रायपुर – मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में नगरीय प्रशासन विभाग अंतर्गत योजनाओं और नागरिकों से जुड़ी सेवाओं में उल्लेखनीय कार्य करने पर पूरे देश में शानदार प्रदर्शन कर शहरी गवर्नेंस इंडेक्स-2020 रैंकिंग में छत्तीसगढ़ को तीसरा स्थान मिलने पर नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डाॅ.शिवकुमार डहरिया ने विभाग के अधिकारियों और आम नागरिकों को बधाई दी है। मंत्री डाॅ.डहरिया ने कहा है कि विगत दो साल में किए गए कार्यांे का ही परिणाम है कि छत्तीसगढ़ ने देश भर में ओपन डाटा पोर्टल तक नागरिकों की पहुंच के मामले में पहला स्थान, नागरिक समस्याओं के समाधान के मामले में दूसरी रैंक और करों के राजकोषीय प्रबंधन में पहली रैंक नगरीय निकायों के चुने हुए जनप्रतिनिधियों और विधायी परिषदों के सशक्तिकरण के मामले में दूसरी रैंक, नागरिक सशक्तिकरण में तीसरी रैंक हासिल की है।

मंत्री डाॅ डहरिया ने कहा है कि दो साल में नगरीय प्रशासन के अंतर्गत नागरिकों से जुड़ी सुविधाओं में न सिर्फ वृद्धि हुई है, आम जनता से जुड़ी समस्याओं को दूर करने वार्ड स्तर पर मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय का संचालन, गरीब व्यक्तियों को उनके ही घर के आसपास स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के माध्यम से मोबाइल मेडिकल यूनिट का संचालन, महिलाओं की बीमारी की जांच एवं उपचार के लिए दाई-दीदी क्लीनिक योजना के अलावा शहरों को स्वच्छ बनाने, सौंदर्यीकरण से सुंदर बनाने, घर-घर से कचरा उठाने के साथ कचरे का उचित प्रबंधन की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री मितान योजना, डाॅ राधाबाई डायग्नोस्टिक केंद्र सहित अन्य नई योजनाओं से आम नागरिकों की सेवा में वृद्धि होने की बात कही है। गौरतलब है कि शहरी प्रशासन व्यवस्थाओं एवं सुविधाओं का समय-समय पर सर्वे कर रैंकिंग का निर्धारण करने वाली प्रजा फाउंडेशन ने शहरी गवर्नेस इंडेक्स-2020 जारी की है। फाउंडेशन द्वारा जो मानक तय किए गए थे उसके आधार पर सभी कैटेगरी में छत्तीसगढ़ को पूरे देश में तीसरा स्थान हासिल हुआ है। फाउंडेशन द्वारा अध्ययन के आधार पर जो रैंकिंग जारी की गई है उसमें स्थानीय निकायों के सशक्तिकरण और जमीनी स्तर पर लोकतंत्र की स्थिति, आर्थिक और सामाजिक विकास की योजना, जल आपूर्ति, अग्नि सेवा, शहरी वानिकी, पर्यावरण की सुरक्षा और पारिस्थितिक पहलुओं का संवर्धन, स्थानीय शहरी निकायों के कार्यात्मक और वित्तीय सशक्तीकरण और स्थानीय शासन के लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण शहरी नियोजन, भूमि-उपयोग का नियमन, आदि बिन्दुओं को शामिल किया गया है।