जल्दी निराकृत करें : कलेक्टर
00 पटवारी बक्से भी देखें, डायवर्सन वसूली में लाएं तेजी, हर हफ्ते होगी मॉनिटरिंग
 दुर्ग – अपनी पहली बैठक में कलेक्टर ने स्पष्ट कर दिया कि लोगों के  प्रकरणों के निराकरण में और रेवेन्यू जेनरेशन में ढिलाई हुई तो कारर्वाई  तय है। इस पर क्या किया, इसकी जानकारी हर हफ्ते ली जाएगी। कलेक्टर डॉ.  सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने कहा कि नजूल भूमि का चिन्हांकन सबसे अहम है। एक  हफ्ते में इसकी रिपोर्ट दें। व्यक्तिगत रूप से पटवारियों के बस्ते देखें। 
 कलेक्टर ने कहा कि भूस्वामी हक के संबंध में शासन ने जनहित में नीतियां  तैयार की हैं। लोगों को इस संबंध में जानकारी दें। नजूल अधिकारी को सभी  नगरीय निकायों में बैठक लेकर इस संबंध में अधिकतम कारर्वाई करने कहा ताकि  नगरीय निकाय इसके लिए पूरी तरह कमर कस सकें। राजीव गांधी आश्रय योजना,  रियायती और गैर रियायती पट्टों के संबंध में कारर्वाई तेजी से करें।  डायवर्सन से संबंधित वसूली पूरी ततपरता से करें। कलेक्टर ने कहा कि  मुख्यमंत्री ने कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया है कि लोक सेवा गारंटी  में समय सीमा से बाहर के प्रकरण नहीं होना चाहिए। इसकी। नियमित समीक्षा  होगी और लापरवाही पाए जाने पर कारर्वाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना  संक्रमण के लॉकडाउन की वजह से पेंडेंसी बढ़ गई है। आपको अब ज्यादा समय कोर्ट  में देना होगा। लोगों का काम जल्दी होना चाहिए। एसडीएम यह देखें कि  प्रकरणों का बंटवारा सभी राजस्व अधिकारियों को हो ताकि सभी प्रभावी रूप से  काम हो सकें। 2 वर्ष से अधिक के प्रकरण को डेडलाइन में निराकृत करें। इसकी  समीक्षा नियमित होगी। उन्होंने कहा कि ई कोर्ट के क्रियान्वयन के संबंध में  स्पष्ट निर्देश है, कि इसे 15 अगस्त तक क्रियान्वित होना है। अगर लापरवाही  हुई तो कारर्वाई होगी। 
 कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने कहा कि डायवर्सन, आय-जाति, अविवादित  नामांतरण और सीमांकन के जितने भी मामले है, उन्हें जल्द निराकृत करें।  अविवादित नामांतरण के प्रकरण शीघ्रतापूर्वक निपटाएं। उन्होंने कहा कि  राजस्व संबंधी प्रकरण जितनी शीघ्रता से निपटते है, उतना ही लोगों को राहत  मिलती है। इसे प्रभावी तरीके से करें। बैठक में नगर निगम कमिश्नर ऋतुराज  रघुवंशी, जिला पंचायत सीईओ सच्चिदानंद आलोक, सहायक कलेक्टर जितेंद्र यादव,  अपर कलेक्टर वीरेंद्र बहादुर पंचभाई और प्रकाश सर्वे सहित अन्य अधिकारी  मौजूद थे।

