नव दम्पत्तियों ने सात वचनों के साथ ली कुपोषण और कन्या भ्रूण हत्या रोकने की शपथ
 
सम्पूर्ण रीति-रिवाज के साथ कम खर्चे में पूरी भव्यता के साथ हुआ सामूहिक विवाह

वैदिक मंत्रोचार, धूप-दीप की सुगंध और शहनाई से गुंजाएमान रहा आयोजन

रायपुर – मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में आज साईंस कॉलेज मैदान में नव दम्पत्तियों ने सात वचनों के साथ कुपोषण और कन्या भ्रूण हत्या रोकने की शपथ ली। मुख्यमंत्री ने सामूहिक कन्या विवाह समारोह में सभी नवदम्पत्तियों को आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर 518 कन्याओं का विवाह सम्पन्न हुआ। मुस्लिम और इसाई धर्म के तीन-तीन जोड़ों का भी मौलवी और पादरी ने अपने-अपने रीति-रिवाज से विवाह सम्पन्न कराया। इन जोड़ों के साथ चार दिव्यांग जोड़ों ने भी सामूहिक विवाह में सात फेरे लेकर जीवन भर साथ रहने का वचन दिया। नव दम्पत्तियों ने सात फेरों और सात वचनों के साथ ही भू्रण हत्या का विरोध, बेटी के प्रति भेद-भाव नहीं करने, बेटी का स्वाभिमान एवं गौरव बनाए रखने की भी शपथ ली। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने नवविवाहितों को बधाई और शुभकामनाएं दी और उनके सुखमय जीवन की कामना की। मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि सामूहिक विवाह एक पुनीत कार्य है। हर माता-पिता को अपने बच्चों की शादी की चिंता होती है। आज के समय में शादी में लाखों रूपए खर्च हो जाते हैं। माता-पिता को शादी के लिए उपयुक्त वर-वधु मिलने के साथ ही शादी के खर्च की चिंता रहती है। सामूहिक विवाह योजना के माध्यम से कम खर्चे में शादी की सामग्री, पण्डाल, भोजन के साथ ही विधिवत तरीके से विवाह संस्कार सम्पन्न हो जाता है। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंडि़या, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, विधायकगण, महापौर ने भी नव दम्पत्तियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कभी भी दहेज प्रथा नहीं रही है। आशीर्वाद स्वरूप टिकावन के रूप में वधु के नये दाम्पत्य जीवन की शुरूआत के लिए जरूरी सामग्री दी जाती है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा 15 हजार रूपए को बढ़ाकर 25 हजार रूपए कर दिया गया है। इस राशि से 20 हजार की उपहार सामग्री तथा पांच हजार रूपए विवाह आयोजन व्यवस्था पर खर्च की जाती है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी जोड़ों को एक-एक पौधा, सुपोषण टोकरी, एक हजार रूपए का चेक सहित अनिवार्य विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र और दैनिक जीवन के उपयोगी की सामग्री भी प्रदान किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ी हाना ‘घर बना के देख, बिहाव करके देख’ कहते हुए विवाह को एक जिम्मेदारी बताया। मुख्यमंत्री ने सामूहिक विवाह को लेकर नजरिया और भाव बदलने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि ‘सोच बदलो सितारे बदल जाते हैं, नजरे बदलो नजारे बदल जाते हैं’। मुख्यमंत्री ने सामाजिक बुराईयों के खिलाफ जन चेतना लाने तथा पूरी रस्मों-रिवाज एवं वैदिक मंत्रों के साथ शादी सम्पन्न कराने पर गायत्री परिवार को बधाई और शुभकामनाएं दी।
    
    महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंडि़या ने वर-वधुओं को नये जीवन की शुरूआत के लिए आशीर्वाद देते हुए मंगलकामना की। श्रीमती भेंडि़या ने कहा कि विवाह में होने वाले व्यापक खर्च और व्यवस्था की जरूरत होती है। इस देखते हुए श्री भूपेश बघेल ने वर्ष 2002 में रायपुर के आर.डी. तिवारी स्कूल में 22 जोड़ों की शादी कराकर सामूहिक विवाह की शुरूआत की थी। उन्होंने 2003 में सेलूद में 27 जोड़ों का विवाह करवाया। सामूहिक विवाह की महत्ता को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की राशि को बढ़ाकर 25 हजार रूपए कर दिया है। इसी तरह दिव्यांग जोड़ों के विवाह पर दी जानी वाली राशि को बढ़ाकर एक लाख रूपए कर दिया है। श्रीमती भेंडि़या ने नव विवाहितों से कुपोषण मुक्त स्वस्थ छत्तीसगढ़ बनाने में योगदान देने की अपील की।
    
    राज्य में पहली बार सामूहिक विवाह स्थल पर ही जोड़ों का विवाह पंजीयन नगर निगम रायपुर द्वारा किया गया। इस अवसर पर विधायक सर्वश्री कुलदीप जुनेजा, विकास उपाध्याय, श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा, श्रीमती संगीता सिन्हा, सुश्री शकुंतला साहू, श्रीमती ममता चन्द्राकर, श्रीमती रश्मि सिंह, पूर्व महापौर श्रीमती किरणमयी नायक, महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी एवं संचालक श्री जन्मेजय महोबे, कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री आरिफ शेख सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और वर-वधुओं के परिजन उपस्थित थे।

Photo Gallery