Tourist Rath Yatra and huge bike rally under the Ram Van Gaman Tourism Circuit,
Tourist Rath Yatra and huge bike rally under the Ram Van Gaman Tourism Circuit,
कोरिया और सुकमा से निकली रैली संयुक्त होकर चंदखुरी पहुंची

रायपुर – राम वन गमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत सुकमा और कोरिया जिले से 14 दिसंबर को प्रारंभ विशाल बाइक रैली आज सुबह रायपुर जिले के नयापारा और पारागांव पहुंची। इस रैली का रायपुर जिले के विभिन्न गावों सेमरा, टीला, कोलियारी, नवागांव, पारागांव, निसदा, बैहार, मंदिर हसौद सहित दर्जनों गांवों में जगह-जगह भव्य एवं आत्मीय स्वागत किया गया। ये दोनों रैलियां बाद में संयुक्त रैली बनकर रायपुर जिले के माता कौशल्या की पावन धरा चंदखुरी पहुंची, जहां रैली के समापन समारोह में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अपने मंत्रीगण के साथियों, संसदीय सचिवगण, विधायकगण के साथ इसका स्वागत किया। 

पूरे रायपुर जिले में राम वन गमन पर्यटन परिपथ के तहत् पर्यटन रथ यात्रा और बाईक रैली के प्रति ग्रामीणों में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला। गांव-गांव में ग्रामीणजनों ने रथयात्रा का पुष्प पंखुडियों और फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया। जगह- जगह भगवान श्री राम, सीता मैया और लक्ष्मण जी की प्रतिमा का अभिनंदन किया गया और उनकी आरती की गई। ग्रामीण महिलाओं ने जगह-जगह पुष्प वर्षा एवं कलश धारण करके राम धुन के बीच रामरथ की अगवानी की। गांव-गांव में आयोजन स्थल बनाए गए, जहां रामायण पाठ एवं भजन गुंजते रहे। 

बाईक रैली के रायपुर जिले के सीमा में प्रवेश करने पर नयापारा में अभनपुर विधायक श्री धनेंद्र साहू, नगरपालिका अध्यक्ष श्री धनराज मध्यानी, कलेक्टर डॉ एस. भारतीदासन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री अजय यादव, सीईओ जिला पंचायत डॉ गौरव कुमार सिंह सहित जनप्रतिनिधियों एवं आम नागरिकों ने भव्य एवं आत्मीय स्वागत किया। इस अवसर पर गरियाबंद जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री स्मृति ठाकुर, कलेक्टर श्री नीलेश कुमार क्षीरसागर, पुलिस अधीक्षक भी उपस्थित थे।

ज्ञात हो कि राज्य के दक्षिण में स्थित सुकमा जिले के रामाराम से शुरू होकर चन्दखुरी पहुंचने वाली इस रथ यात्रा ने तोंगपाल, बास्तानार, बारसूर, विश्रामपुरी, कोमलपुर, झुनझरा, सिहावा-नवापारा और राजिम होते हुए रायपुर जिले में प्रवेश किया। पर्यटन रथ यात्रा और बाईक रैली में वाहन चालकों ने रामायण पुस्तक, प्रतीक चिन्ह के साथ छत्तीसगढ़ के भगवान राम से जुड़े 9 स्थानों की पवित्र मिट्टी भी अपने साथ लेकर आए, जिन्हें चंदखुरी की मिट्टी के साथ मिलाकर यहां रूद्राक्ष का पौधा रोपित किया गया।