बिलासपुर के 4 कैम्पों में आज 312 मरीजों ने कराया इलाज
दाई-दीदी क्लिनिक में 50 महिलाओं का इलाज
रायपुर – प्रदेश के नगरीय निकाय क्षेत्रों की झुग्गी बस्तियों के लिए शुरू की गई मोबाइल मेडिकल यूनिट और विशेष रूप से महिलाओं के लिए शुरू की गई दाई-दीदी क्लिनिक मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। बड़ी संख्या में नगरीय निकाय क्षेत्रों के निवासी और महिलाएं इन योजनाओं का लाभ उठा रही हैं। ये दोनों योजनाएं मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत शुरू की गई हैं। बिलासपुर के स्लम क्षेत्रों में आज मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा 4 कैम्प आयोजित किए गए, जिनमें 312 मरीजों ने अपनी स्वास्थ्य जांच करायी। इनमें से 68 मरीजों के लैब टेस्ट किये गये तथा 308 मरीजों को दवाईयों का वितरण किया गया। जांच कराने वाले मरीजों में से 56 मरीज श्रम विभाग में पंजीकृत हैं, जबकि 32 मरीजों ने श्रम विभाग में पंजीयन के लिए आवेदन दिए। इसी प्रकार दाई-दीदी क्लिनिक योजना में आज 50 महिलाओं का इलाज किया गया।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य स्थापना दिवस के मौके पर 30 नगरीय निकायों के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट योजना का और पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की जंयती के अवसर पर 19 नवम्बर को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में रायपुर, दुर्ग-भिलाई और बिलासपुर नगर निगम क्षेत्रों में दाई-दीदी क्लिनिक योजना का शुभारंभ किया था। मोबाइल मेडिकल यूनिट में अत्याधुनिक जांच की मशीनें लगी हुई हैं। इन मशीनों से बीपी, शुगर, खून जांच, पेशाब की जांच मौके पर ही की जा रही है। सर्दी, बुखार की दवाईयों के साथ-साथ बीपी, शुगर जैसे बीमारियों की नियमित जांच के साथ दवाईयां भी मुफ्त में दी जा रही है। दाई-दीदी क्लिनिक मोबाइल मेडिकल यूनिट में महिला डॉक्टर सहित स्वास्थ्य विभाग के महिला अमले को तैनात किया गया है। जिससे महिलाएं निःसंकोच अपने स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी देकर अपना इलाज करा सकें। दाई-दीदी क्लीनिक में महिलाओं के प्राथमिक उपचार के साथ-साथ महिला चिकित्सक द्वारा स्तन कैंसर की जांच, हितग्राहियों को स्व स्तन जांच का प्रशिक्षण, गर्भवती महिलाओं की नियमित एवं विशेष जांच आदि की अतिरिक्त सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
महिलाओं और स्लम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए यह योजना काफी सुविधाजनक साबित हो रही है। कई बार अस्पतालों में भीड़ होने के कारण काफी समय लग जाता है। ऐसे में मेहनत-मजदूरी करने वाले काम पर नहीं जा पाते, इस वजह से उनका नुकसान होता था। मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से इन क्षेत्रों के निवासियों के लिए अपने घरों के पास ही इलाज कराना काफी सुविधाजनक साबित हो रहा है।