रायपुर, भिलाई, नागपुर, हैदराबाद, ओड़ीसा और मध्यप्रदेश के बाजार में
लाॅकडाउन में सब्जियों की परिवहन की अनुमति के लिए किसानों ने
मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री का जताया आभार
बड़े शहरों में सप्लाई की व्यवस्था से बर्बाद होने से बच गई सब्जियां
वाजिब मूल्य मिलने से किसानों को लाखों का फायदा
छत्तीसगढ़ राज्य के सुदूर बस्तर जिले के बकावण्ड और टोेकापाल ईलाके के किसानों द्वारा उत्पादित सब्जियां रायपुर, भिलाई से लेकर सीमावर्ती महारष्ट्र के नागपुर, तेलंगाना राज्य के हैदराबाद, ओड़ीसा और मध्यप्रदेश के बाजारों में बिक रही है। लाॅकडाउन की अवधि में बकावण्ड और टोेकापाल ईलाके से छत्तीसगढ़ राज्य सहित अन्य राज्यों के बड़े बाजारों में सब्जियों के परिवहन की व्यवस्था प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल तथा कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चैबे की विशेष पहल पर जिला प्रशासन बस्तर द्वारा सुनिश्चित की गई है, इसकी वजह से बस्तर के सब्जी उत्पादक कृषक न सिर्फ आर्थिक नुकसान से बच गए है, बल्कि बड़े शहरों में सब्जियों की सप्लाई होने से उन्हें वाजिब दाम भी मिलने लगा है। बकावण्ड और टोेकापाल ईलाके के किसानों ने लाॅकडाउन के दौरान सब्जियों के परिवहन की अनुमति देने के लिए मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री सहित जिला प्रशासन बस्तर का आभार जताया है।
कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी देशव्यापी लाॅकडाउन की शुरूआती दौर में बस्तर के सब्जी उत्पादक किसानों को अपने सब्जी, फल उत्पाद का विक्रय एक कठिन चुनौती बन गया था। किसानों को सब्जियों के उचित मूल्य भी नहीं मिल नहीं पा रहे थे। किसान औने-पौने दाम पर सब्जियों को बेचने के लिए विवश थे। हालात यह थी कि उन्हें अपने खेत से सब्जी, मिर्च, टमाटर और खीरा आदि की तुड़ाई की मजदूरी भी नहीं निकल पा रही थी। हताश होकर किसानों ने सब्जियों की तुड़ाई ही बंद कर दी थी। इस स्थिति की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री ने जिला प्रशासन को आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर जगदलपुर एवं उपसंचालक उद्यानिकी विभाग सहित मैदानी स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों ने किसानों से सम्पर्क कर उनकी समस्या का तत्परता से समाधान किया। जिला प्रशासन ने तत्काल सब्जियों के परिवहन का पास जारी करते हुए पुलिस विभाग को भी इसमें सहयोग करने के निर्देश दिए। उपसंचालक उद्यानिकी ने सब्जी के बड़े व्यापारियों से संपर्क कर उनसे किसानों द्वारा उत्पादित सब्जियों को खरीदने की व्यवस्था सुनिश्चित की। इन प्रयासों का नतीजा जल्दी मिलने लगा। लॉकडाउन के शुरूआती दौर में सब्जियों के परिवहन की व्यवस्था न होने के कारण किसान बड़ी मुश्किल से मिर्च 4 से 6 रूपए प्रतिकिलो, टमाटर 3 से 4 रूपए प्रतिकिलो, खीरा 1 से 2 रूपए किलो की दर से बेच पा रहे थे। किसानों को मुनाफा की बात तो दूर, सब्जियों की तुड़ाई की मजदूरी भी नहीं मिल पा रही थी। जैसे ही सब्ज्यिों के परिवहन के अनुमति मिली, व्यापारियों ने किसानों से उन्हीं सब्जियों को दो से तीन गुने भाव में खरीदना शुरू कर दिया। किसानों द्वारा उत्पादित मिर्च अब 11-13 रूपए प्रतिकिलो, टमाटर 8-10 रूपए प्रतिकिलो की दर से सब्जी व्यापारी खरीदने लगे है। खीरा का दाम भी बढ़कर 5-7 रूपए प्रति किलो किसानों को मिलने लगा है। बकावण्ड और टोेकापाल से मिर्च टमाटर, खीरा एवं अन्य सब्जियां राजधानी रायपुर, औद्योगिक नगरी भिलाई, महाराष्ट्र के नागपुर, तेलंगाना राज्य के हैदराबाद, ओड़ीसा एवं मध्यप्रदेश के शहरों में बिकने के लिए बिना किसी व्यवधान के आने लगी है। अब तक बकावण्ड और टोेकापाल ईलाके से लगभग 3000 मीट्रिक टन मिर्च, 500 मीट्रिक टन टमाटर एवं 100 मीट्रिक टन खीरा सहित अन्य सब्जियों की सप्लाई छत्तीसगढ़ राज्य सहित सीमावर्ती राज्यों के बाजारों में की जा चुकी है। इससे किसानों को लाखों रूपए का नुकसान होने से बचाया जा सका है।