चंदखुरी की विस्तृत परियोजना का देखा प्रस्तुतीकरण
छत्तीसगढ़ के सभी एतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के पर्यटन स्थलों और धार्मिक स्थलों के मरम्मत एवं सौंदर्यीकरण की वार्षिक कार्य-योजना बनाने के निर्देश
जैव विविधता एवं पर्यटन स्थलों की प्राकृतिक सुंदरता को ध्यान में रखकर तैयार करें ड्राइंग और डिजाईन
पर्यटन और धर्मस्व एवं धार्मिक न्यास विभाग के काम-काज की समीक्षा
पर्यटन और धर्मस्व मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने राम वन गमन पर्यटन परिपथ के पहले चरण में चयनित 9 स्थलों में से चंदखुरी के विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन के प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया। उन्होंने चंदखुरी में माता कौशल्या की मंदिर और वहां के तालाबों और घाटों की नैसर्गिक सुंदरता को ध्यान में रखकर सौंदर्यीकरण का कार्य कराए जाने, ज्योति कलश कक्ष को एक विशेष आकार देकर आकर्षक बनाने, ताकि कम स्थान में अधिक से अधिक दीप प्रज्वलित किए जा सके, मंदिर परिसर में चारों ओर औषधीय और फलदार पौधे लगाने, घाट के आसपास समतली करण और मंदिर परिसर के पुल का चौड़ीकरण के निर्देश दिए। श्री साहू ने राजिम में किए जाने वाले पर्यटन विकास के कार्यों का स्वयं स्थल निरीक्षण करने को कहा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जिन पर्यटन स्थलों में विकास कार्य किए जाने हैं उन स्थलों का निरीक्षण करने के बाद ही वहां की विशेषता, महत्ता और आवश्यकता को ध्यान में रखकर निर्माण कार्य किए जाए, ताकि धन का अपव्यय न हो और कम लागत में महत्वपूर्ण सुविधाओं का विस्तार हो सके।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकसित करने के लिए प्रदेश के 9 स्थलों का चयन करते हुए 137 करोड़ 45 लाख रूपए की लागत का एक कॉन्सेप्ट प्लान तैयार किया गया है। इन स्थलों को केन्द्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत पर्यटकों की सुविधा के लिए विश्वस्तरीय अधोसंरचनाएं विकसित करने का प्रावधान है। चयनित स्थलों में सीतामढ़ी-हरचौका जिला कोरिया, रामगढ़ जिला सरगुजा, शिवरीनारायण जिला जांजगीर-चांपा, तुरतुरिया जिला बलौदाबाजार, चंदखुरी जिला रायपुर, राजिम जिला गरियाबंद, सिहावा-सप्तऋषि आश्रम जिला धमतरी, जगदलपुर जिला बस्तर और रामाराम जिला सुकमा शामिल हैं। राम वन गमन पर्यटन परिपथ के लिए राज्य शासन द्वारा गत वित्तिय वर्ष 2019-20 में 5 करोड़ और चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में 10 करोड़ रूपए का प्रावधान बजट में किया गया है।
मंत्री श्री साहू ने बुधवार को अपने रायपुर निवास कार्यालय में पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के काम-काज की समीक्षी की। उन्होंने छत्तीसगढ़ के सभी धार्मिक स्थलों और उन स्थानों में लगने वाले मेले-मड़ई की सूची एकत्रित करने को कहा, ताकि विभिन्न अवसर पर होने वाले धार्मिक आयोजनों, मेले-मड़ई, महोत्सव आदि को ध्यान में रखते हुए उन स्थानों का आवश्यक मरम्मत के साथ ही वहां पर धर्मशाला, मंदिरों में प्रसाद वितरण काउंटर एवं सौंदर्यीकरण से संबंधित कार्यों के लिए अनुदान राशि स्वीकृत करने के लिए वार्षिक कार्य-योजना बनाई जा सके। बैठक में सचिव पर्यटन श्री पी.अन्बलगन एवं छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल की प्रबंध संचालक सुश्री इफ्फत आरा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
मंत्री श्री साहू ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित पर्यटन स्थलों-पहाड़ों, झरनों, जलाशयों, एतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व के स्थलों के आसपास पर्यटकों खास कर बच्चों के लिए गार्डन एवं झूले तथा वरिष्ठ नागरिकों के लिए पाथ आदि निर्माण कर प्रारंभिक स्तर पर कराने को कहा। उन्होंने कहा कि जैव विविधता एवं उन पर्यटन स्थल की प्राकृतिक सुंदरता को ध्यान में रखकर ड्राइंग और डिजाइन तैयार करें, ताकि वे अपने वास्तविक रूप में प्राकृतिक सौंदर्य के साथ पर्यटकों को आकर्षित कर सकें। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण के समय इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए कि उस स्थान विशेष से संबंधित कथाओं, संगीत, भजन आदि को समावेश करते हुए रिकॉर्डिंग तैयार की जाए जिससे कि पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को उन स्थानों की विशेषता के बारे में भी जानकारी मिल सके और उन स्थानों की महत्ता भी प्रतिपादित हो सके।