प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को आगामी तीन माह सितम्बर 2020 तक बढ़ाने का किया अनुरोध
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अलावा राज्य द्वारा चिन्हांकित 14.10 लाख राशनकार्डधारी परिवारों को भी करें लाभान्वित
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उत्पन्न हुई विषम परिस्थितियों में ’प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ को आगामी तीन माह हेतु सितम्बर 2020 तक बढ़ाने का अनुरोध किया है। उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अलावा राज्य द्वारा चिन्हांकित 14.10 लाख राशनकार्डधारी परिवारों को भी खाद्यान्न सुरक्षा के उद्देश्य से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत लाभान्वित करने की बात कही है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पत्र में लिखा है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उत्पन्न हुई विषम परिस्थितियों में केन्द्र सरकार द्वारा लागू ’प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ के माध्यम से देश में खाद्यान्न उपलब्धता बढ़ाने में मदद मिली है। छत्तीसगढ़ में ’यूनिवर्सल पीडीएस’ के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत मान्य 51.50 लाख राशनकार्डधारी परिवारों के अलावा राज्य द्वारा अपनी योजनाओं के माध्यम से भी अतिरिक्त 14.10 लाख राशनकार्डधारी परिवारों को खाद्यान्न सुरक्षा उपलब्ध करायी जा रही है। लॉकडाउन को धीरे-धीरे एवं सावधानीपूर्वक खोलते हुए आर्थिक गतिविधियां पुनः प्रारंभ की जा रही हैं, किन्तु स्थिति सामान्य होने में अभी काफी समय लगना संभावित है। वर्तमान में किसान, कृषि मजदूर, निर्माण क्षेत्र में कार्य करने वाले श्रमिक, उद्योगों में कार्य करने वाले श्रमिक तथा व्यवसायिक संस्थानों में काम करने वाले निम्न-मध्यम वर्गों के कर्मचारियों सहित अधिकांश जन साधारण के लिए अत्यंत कठिन परिस्थितियां हैं।
श्री बघेल ने प्रधानमंत्री श्री मोदी से अनुरोध करते हुए लिखा है कि वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए संकट ग्रस्त परिवारों को राहत पहंुचाने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई ’प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ को आगामी तीन माह हेतु सितम्बर 2020 तक बढ़ाने का कष्ट करें। साथ ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अलावा राज्य द्वारा चिन्हांकित 14.10 लाख राशनकार्डधारी परिवारों को भी खाद्यान्न सुरक्षा के उद्देश्य से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत लाभान्वित किया जाए। निःशुल्क खाद्यान्न के माध्यम से न केवल जरूरतमंद व्यक्तियों की रोजी-रोटी की चिन्ता कम की जा सकेगी, बल्कि जन साधारण में भी इसका सकारात्मक संदेश जाएगा। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जतायी है कि इस संबंध में प्रदेश के हित में इस अनुरोध पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।