रायपुर – आत्मनिर्भर भारत और कोरोना वायरस लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था के लिए  पीएम मोदी की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ के पैकेज के तीसरे हिस्से का वित्त  मंत्री निर्मला सीतारमण ऐलान कर रही हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने  कहा कि पीएम मोदी ने 12 मार्च को आत्मनिर्भर भारत के लिए सप्लाई चेन और  डेमोग्राफी की बात की थी। आज कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों पर फोकस रहेगा।  उन्होंने कहा कि भारत की अधिकांश जनसंख्या कृषि पर आधारित है। 
 कृषि उत्पाद कीमत और गुणवत्ता- किसानों के लिए सुविधाजनक ऐसा कानूनी ढांचा  बनाया जाएगा, जिसके तहत उसे निश्चित आमदनी हो।, जोखिम रहित खेती हो और  गुणवत्ता मानकीकरण किया जाएगा। इससे किसानों के जीवन में बदलाव जाएगा। वह  बड़े खुदरा व्यापारी, निर्यातकों के साथ पारदर्शिता के साथ काम कर सकेंगे।  ताकि किसानों का उत्पीडऩ ना हो। 
 किसान जहां चाहें वहां बेच सकेंगे उत्पाद 
 ०० किसान को अभी एपीएमसी लाइसेंस धारकों को ही अपना उत्पाद बेचना पड़ता है।  किसानों को अपने उत्पाद की सही कीमत मिले और दूसरे राज्यों में जाकर भी  उत्पाद बेच सकें उसके लिए कानूनी में बदलाव किया जाएगा। एक केंद्रीय कानून  के तहत उन्हें किसी भी राज्य में अपना उत्पाद ले जाकर बेचने की छूट होगी। 
 आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन 
 ०० कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और निवेश बढ़ाने के लिए 1955 के आवश्यक  वस्तु अधिनियम में बदलाव किया जाएगा। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।  किसानों को कम दाम पर उत्पाद बेचना पड़ता था। तिलहन, दलहन, प्याज, आलू को  अनियमित किया जाएगा ताकि किसानों को लाभ मिल सके। 
 टॉप टु टोटल के लिए 500 करोड़ 
 ०० इस योजना के तहत 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। पहले यह  टमाटर, आलू और प्याज के लिए था लेकिन अब अन्य सभी फल और सब्जियों के लिए  लागू किया जाएगा। जो खाद्य पदार्थ नष्ट हो जाते थे और दबाव में कम मूल्य  में बेचना पड़ता है। इस योजना के तहत सभी फल सब्जियों को लाने से 50 फीसदी  सब्सिडी मालभाड़े और 50 फीसदी स्टोरेज, कोल्ड स्टोरेज के लिए दी जाएगी। 
 मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपए 
 ०० मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इससे 2 लाख  मधुमक्खी पालकों को लाभ होगा और उपभोक्ताओं को बेहतर शहद मिलेगा। कृषि  आधारित मधुमक्खी पालन किसानों को अतिरिक्त आय उपलब्ध कराता है। 
 ०० हर्बल खेली के लिए 4 हजार करोड़ रुपए 
 हर्बल खेती के लिे 4 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। 10 लाख हेक्टेयर में  यह खेती होगी। इससे किसानों को 5 हजार करोड़ रुपए की आमदनी होगी। इनमें से  800 हेक्टएयर की खेती गंगा के दोनों किनारों पर की जाएगी। 
 ०० पशुपालन में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 15 हजार करोड़ 
 पशुपालन में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपए खर्च किए  जाएंगे। इससे अधिक दूध उत्पादन होगा और प्रोसेसिंग यूनिट आदि लगाए जाएंगे। 
 नेशनल एनिमल डिसीज कंट्रोल प्रोग्राम 
 ०० नेशनल एनिमल डिसीज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत मुंह पका-खुर पका बीमारी से  बचाने के लिए जानवरों को वैक्सीन लगाया जाएगा। इस पर 13,343 करोड़ रुपए  खर्च किए जाएंगे। इस योजना के तहत 53 करोड़ पशुओं को टीका लगाया जाएगा। अभी  तक 1.5 करोड़ गाय और भैसों को टीका लगाया गया है। इससे दूध उत्पादन में  वृद्धि होगी और उत्पादकों की गुणवत्ता बेहतर होगी। 
 प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपए 
 ०० पीएम मत्स्य संपदा योजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपए रखे गए हैं। इसके  वैल्यू चेन में मौजूद खामियों को दूर किया जाएगा।11 हजार करोड़ रुपए  समुद्री मत्स्य पालन और 9 हजार करोड़ रुपए इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार  करने के लिए खर्च किए जाएंगे।इससे अगले 5 साल में मत्स्य उत्पादन 70 लाख  टन बढ़ेगा। इससे 55 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा और निर्यात दोगुना होकर 1  लाख करोड़ रुपए का हो जाएगा। 
 खाद्य संस्करण इकाइयों के लिए 10 हजार करोड़ रुपए 
 ०० माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज (एमएफई) के फॉर्मलाइजेशन के लिए 10 हजार करोड़  रुपए खर्च किए जाएंगे। इससे देश के अलग-अलग हिस्सों के उत्पादों को ब्रैंड  बनाया जाएगा। लगभग 2 लाख खाद्य संस्करण इकाइयों को इसका लाभ मिलेगा। इससे  जुड़े लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ंगे। जैसे बिहार का मखाना,  जम्मू कश्मीर का केसर, नॉर्थ ईस्ट का बंबू शूट, यूपी का आम है। 
 कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रुपए 
 ०० किसान देश का पेट भरने के साथ निर्यात भी करता है। अनाज भंडारण, कोल्ड  चेन और अन्य कृषि आधारित इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रुपए खर्च  किए जाएंगे। कृषि उत्पादक संघ, कृषि स्टार्टअप आदि का भी इसका लाभ होगा। 
 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान किसानों के  लिए कई कदम उठाए गए। एएसपी के रूप में उन्हें 74 हजार 300 करोड़़ रुपए खर्च  किए गए हैं तो पीएम किसान के जरिए उन्हें 18 हजार 700 करोड़ रुपए दिए गए  हैं। पीएम फसल बीमा योजना के तहत 6400 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया है।  लॉकडाउन के दौरान दूध की डिमांड 20-25 पर्सेंट घट गई थी इसलिए उनका 11  करोड़ लीटर अतिरिक्त दूध की खरीद की गई है। इस पर 4100 करोड़ रुपए खर्च किए  गए। 
 इससे पहले बुधवार और गुरुवार को उन्होंने एमएसएमई, नौकरी पेशा,  टैक्सपेयर्स, किसानों, छोटे व्यापारियों, फेरीवालों और प्रवासी मजदूरों के  लिए राहत का ऐलान कर चुकी हैं। कोरोना वायरस संकट को अवसर में बदलने के लिए  पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान करते  हुए देश के सामने आत्मनिर्भर भारत के महत्वाकांक्षी मिशन का ऐलान किया था।  इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार दो दिन पैकेज का ब्योरा  देश के सामने रखा है।
खेती-किसानों के लिए एक लाख करोड़ का प्रावधान-वित्तमंत्री

