On August 5, CM will transfer the amount of cow dung in the account of the beneficiaries of 'Godhan Nyaya Yojana'
On August 5, CM will transfer the amount of cow dung in the account of the beneficiaries of 'Godhan Nyaya Yojana'
राम वन गमन पथ पर दिया जाएगा प्रस्तुतीकरण

प्रदेश के 12.50 लाख तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को मिलेगा लाभ

46 हजार 964 हितग्राहियों को 1.65 करोड़ रूपए का होगा भुगतान

शहीद महेन्द्र कर्मा को उनकी जयंती के अवसर पर अर्पित करेंगे श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गोबर विक्रेताओं से भी करेंगे चर्चा

शहीद महेन्द्र कर्मा के नाम पर प्रदेश में शुरू होगी तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना

रायपुर – मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 5 अगस्त को अपने रायपुर निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में राज्य सरकार की अभिनव योजना ‘गोधन न्याय योजना’ के तहत गोबर खरीदी का पहला भुगतान हितग्राहियों के खाते में अंतरित करने की प्रक्रिया का शुभारंभ करेंगे। श्री बघेल इस अवसर पर प्रदेश में शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना का भी शुभारंभ करेंगे। 

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री श्री बघेल दोपहर 3 बजे शहीद महेन्द्र कर्मा की जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे और वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर का उद्बोधन होगा। श्री बघेल 3.15 बजे गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर खरीदी की राशि का हितग्राहियों के खाते में अंतरण प्रक्रिया का शुभारंभ करेंगे। श्री बघेल इसके बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों से चर्चा करेंगे। दोपहर 3.35 बजे मुख्यमंत्री शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना का शुभारंभ करने के बाद कार्यक्रम को सम्बोधित करेंगे। पर्यटन विभाग के अधिकारियों द्वारा दोपहर 3.50 बजे राम वन गमन पथ पर प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री बघेल गोधन न्याय योजना के तहत 20 जुलाई से 1 अगस्त तक गोबर खरीदी की पहली किश्त की राशि 5 अगस्त को सहकारी बैंक के माध्यम से हितग्राहियों के खाते में अंतरित करेंगे। राज्य में कुल 4140 गौठानों में पंजीकृत 65 हजार 694 हितग्राहियों में से 46 हजार 964 हितग्राही द्वारा 82 हजार 711 क्विंटल गोबर का विक्रय किया गया, जिसकी कुल राशि 2 रूपए प्रति किलो की दर से 1 करोड़ 65 लाख रूपए पशुपालकों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जाएगी। इस योजना का लाभ प्रदेश के अंतिम छोर के पशुपालकों तक पहुंचाया जा रहा है, जिसमें 38 प्रतिशत महिला हितग्राही, 48 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग, 39 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति, 8 प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं 5 प्रतिशत सामान्य वर्ग के हितग्राही हैं। गोबर खरीदी का आगामी भुगतान 15 अगस्त को किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत राज्य के रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, धमतरी और बालोद जिलों में सबसे अधिक गोबर विक्रय किया गया है। इसी प्रकार नगरीय क्षेत्रों में रायपुर एवं दुर्ग के पशुपालकों ने सबसे ज्यादा गोबर विक्रय किया गया है। 

गोधन न्याय योजना देश में अपने तरह की प्रथम योजना है, जिसमें पशुपालकों, किसानों से 2 रूपए प्रति किलो (परिवहन व्यय सहित) की दर पर गौठानों में खरीदी की जा रही है। खरीदे गए गोबर से गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर इसका सहकारी समितियों के माध्यम से विक्रय किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से एक ओर पशुपालकों को आर्थिक लाभ होगा। दूसरी ओर प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। 

शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना

शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना में तेंदूपत्ता संगहण कार्य में लगे पंजीकृत संग्राहक परिवार के मुखिया (50 वर्ष से अधिक आयु नहीं होने की स्थिति में) की सामान्य मृत्यु पर नामांकित व्यक्ति अथवा उत्तराधिकारी को 2 लाख रूपए की अनुदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। दुर्घटना से मृत्यु होने पर दो लाख रूपए अतिरिक्त प्रदान किया जाएगा। दुर्घटना में पूर्ण विकलांगता की स्थिति में 2 लाख रूपए और आंशिक विकलांगता की स्थिति में एक लाख रूपए की सहायता अनुदान राशि दी जाएगी। 

योजना के अंतर्गत यदि संग्राहक परिवार के मुखिया की 50 से 59 आयु वर्ष के बीच सामान्य मृत्यु होती है, तो 30 हजार रूपए, दुर्घटना में मृत्यु होने पर 75 हजार रूपए, दुर्घटना में पूर्ण विकलांगता की स्थिति पर 75 हजार रूपए और आंशिक विकलांगता की स्थिति में 37 हजार 500 रूपए की सहायता अनुदान राशि परिवार के नामांकित व्यक्ति अथवा उत्तराधिकारी को दी जाएगी। 

छत्तीसगढ़ राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से वन विभाग एवं छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित के समन्वय से यह योजना प्रारंभ की जा रही है। इस योजना का क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा किया जाएगा, जिसमें संबंधित जिला यूनियन द्वारा ही एक माह के अंदर प्रकरणों का निराकरण करते हुए सहायता अनुदान की राशि सीधे संग्राहकों के बैंक खातों में प्रदाय की जाएगी, जिससे प्रकरणों का निराकरण सुगमता एवं शीघ्रता से किया जा सकेगा।

गौरतलब है कि राज्य सरकार तेंदूपत्ता संग्राहकों के सामाजिक सुरक्षा एवं आर्थिक सुदृढ़ता सुनिश्चित करने हेतु वचनबद्ध है। राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण दर 2500 रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा की गई है।