Poshan vatika

बच्चों के पोषण स्तर में हो रहा है तेजी से सुधार

महिलाओं में खून की कमी भी हो रही है दूर

रायपुर : भोजन की थाली में बच्चों को पोषक अन्न के साथ-साथ हर रोज ताजी, स्वादिष्ट और हरी-हरी सब्जियां भी परोसी जा सके इसके लिए अबुझमाड़ के ओरछा-3 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका ने मिलकर जब पोषण वाटिका तैयार करने की पहल की, तो बच्चों की माताएं भी उनका हाथ बंटाने के लिए सामने आ गईं। किसी ने श्रमदान किया, तो किसी ने बीज लाकर दिए तो कोई अपनी बाड़ी से नार और पौधे ले आया। सबके सहयोग से तैयार इस पोषण वाटिका से अब हर रोज ताजी सब्जियां निकल रही हैं।

महिला बाल विकास परियोजना के अंतर्गत ओरछा-3 की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती सूरज जैन और सहायिका सुंदरी पुरव को पोषण वाटिका तैयार करती देख बच्चों की माताएं भी सहयोग के लिए प्रेरित हुईं। वे इस बात को लेकर खुश थी कि उनके बच्चों को पहले ही गर्म भोजन दिया जा रहा है, अब वाटिका के जरिये पोषक सब्जियां भी मिल जाएंगी। श्रीमती सुखद, श्रीमती कमली, श्रीमती जयबती, श्रीमती सुखमती, श्रीमती गायत्री ने मिलकर पोषण वाटिका तैयार करने में मदद की। उन्होंने मिलकर श्रमदान किया और बीजों की व्यवस्था भी की। इन सभी के सहयोग से कांदा भाजी का नार,  केले का पौधा, पपीता का पौधा लाकर बाड़ी में रोपा गया। समय-समय पर सब्जियां तोड़कर सहायिकाओं को उपलब्ध कराने का जिम्मा भी माताओं ने ले लिया। इससे आंगनबाड़ी के हितग्राहीयों की पोषण में सुधार हुआ है। पोषण वाटिका निर्माण का उद्देश्य बच्चों एवं गर्भवती माताओं में एनीमिया और कुपोषण को दूर करना है, ताकि कुपोषण मुक्त एवं स्वस्थ समाज का निर्माण किया जा सके।

                इसी तरह ओरछा सेक्टर के ही आंगनबाड़ी केन्द्र पाला हुड़बटुम की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती रूपा पटेल एवं सहायिका श्रीमती कारे बड़े ने गांव की महिलाओं के साथ मिलकर पोषण वाटिका तैयार की है। वहां भी बच्चों की माताओं ने उनका सहयोग किया, जिनमें श्रीमती अमिता, श्रीमती पाण्डो,  श्रीमती सोनाप, श्रीमती रामबती, श्रीमती बुधरी आदि शामिल हैं। इस वाटिका में माताओं के सहयोग से बैगन के पौधे, चेच भाजी, केले का पौधा पपीते के पौधे लाकर रोपे गए हैं।  इस आंगनवाड़ी केंद्र के हितग्राहियों के पोषण में सुधार हो रहा है। ग्राम के बच्चे कि संजय, अनिता, काव्या, रिंकु आदि सुपोषित बनने की राह में है।