रायपुर – नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया गुरू घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी द्वारा शहीद स्मारक भवन में आयोजित राष्ट्र स्तरीय सतनामी युवक-युवती परिचय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस दौरान मंत्री डॉ डहरिया ने इस तरह के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि समाज द्वारा युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन कर सामाजिक एकता की न सिर्फ मिसाल दी जा रही है अपितु अनावश्यक आडम्बर और घर जाकर वधु पसंद करने की प्रथा को भी दूर करने का सराहनीय प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सतनामी समाज प्रशंसा के पात्र है। उन्होंने कहा कि परिचय सम्मेलन में समाज के युवक-युवती अपना परिचय देकर अपनी पसंद का रिश्ता जोड़ सकते हैं। इस तरह के सम्मेलन का आयोजन होता ही रहना चाहिए। इससे सामाजिक स्तर पर एकजुटता और पहचान बनने के साथ सामाजिक स्तर पर मजबूत रिश्तें भी बनते हैं।
मंत्री डॉ.डहरिया ने आगे कहा कि बहुत से युवा साथी नौकरी या सेटल होने के चक्कर में समय पर विवाह नहीं कर पाते। वर्तमान दौर में सरकारी नौकरी सभी को मिल पाना संभव नहीं है। सरकारी नौकरी के चक्कर में विवाह को टालना अपने पारिवारिक जिम्मेदारी को नजरअंदाज करने जैसा है। उन्होंने कहा कि जीवन-यापन के बहुत विकल्प है। समाज के युवाओं को व्यापार एवं स्वरोजगार के क्षेत्र में भी अपना कदम बढ़ाना होगा। व्यापार औश्र स्वरोजगार के साथ निजी क्षेत्र में नौकरी करके एक सुखद पारिवारिक जिम्मेदारी का निर्वहन आसानी से किया जा सकता है। मंत्री डॉ. डहरिया ने सामूहिक विवाह को बढ़ावा देने के साथ समाज को एकजुट हाकर रहने की अपील की।
सम्मेलन में खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, महापौर श्री एजाज ढ़ेबर शामिल हुए और अपने संबोधन में कहा कि निश्चित ही इस तरह के आयोजन से समाज के लोगों में रिश्तों के प्रति विश्वास बढ़ता है। उन्होंने कहा कि सरकार सामूहिक विवाह को बढ़ावा देने के साथ महान संत बाबा गुरू घासीदास जी के बताए हुए राह पर चल रही है। सम्मेलन में 1021 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम स्थल पर राजश्री सद्भावना समिति की ओर से निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाई गई। जिसमें मंत्री डॉ डहरिया सहित 4000 से भी अधिक लोगों ने लाभ उठाया। इस अवसर पर सामाजिक पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इस दौरान समिति के अध्यक्ष श्री के. पी. खण्डे, संरक्षक श्रीमती शकुन डहरिया, डॉ. जे.आर. सोनी, श्री डी.एस. पात्रे, श्री सुंदरलाल जोगी, श्री चेतन चंदेल, आदि उपस्थित थे।