Not a Naxalite, now rich farmer Chhattisgarh is identified - Shri Bhupesh Baghel
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Not a Naxalite, now rich farmer Chhattisgarh is identified – Shri Bhupesh Baghel
नफरत फैलाना नहीं, प्रेम बांटना छत्तीसगढ़ की संस्कृति
हमने हमेशा जन-जन में बसे राम को पूजा
सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर चंदखुरी में हुआ समारोह
पर्यटन रथ और बाइक रैली का भी समागम के साथ हुआ समापन
मंत्रिमंडल के सदस्य, आयोगों के अध्यक्ष, विधायक, संसदीय सचिव भी हुए शामिल

रायपुर – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि कुछ लोग भगवान राम के नाम का उपयोग वैसे ही करते हैं, जैसे कालनेमि ने किया था। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग केवल स्वार्थवश राम का नाम लेते हैं। जबकि हम लोगों ने सदा से जन-जन में बसे राम को पूजा है। छत्तीसगढ़ में नयी सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर रायपुर के निकट चंदखुरी में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। श्री बघेल ने कहा कि जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को गोली मारी गई थी, तब भी गांधीजी के मुंह से राम का ही नाम निकला था। 

माता कौशल्या की जन्मस्थली चंदखुरी में आयोजित इस समारोह में तीन दिनों से जारी राम वन गमन पथ रथ यात्रा और बाइक रैली का समापन भी हुआ। यह रैली उत्तर छत्तीसगढ़ के कोरिया तथा दक्षिण छत्तीसगढ़ के सुकमा से 14 दिसंबर को एक साथ शुरु हुई थी। वनवासकाल में राम ने कोरिया से ही छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया था और सुकमा से गुजरते हुए दक्षिण भारत की ओर बढ गए थे। राज्य सरकार ने राम के इस पूरे वन-पथ में पर्यटन विकास के लिए 137 करोड़ रुपए की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। इस योजना के तहत राम से संबंधित 75 चिन्हित स्थानों में से पहले चरण में 9 स्थानों में पर्यटन सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। माता कौशल्या का मायका कहा जाने वाला चंदखुरी भी इन्हीं में से एक है। 

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि माता कौशल्या ने ही राम के चरित्र को गढ़ा था। जो चरित्र माता कौशल्या का था, वही छत्तीसगढ़िया लोगों का है। उन्होंने ही राम को दुख-सुख में सम भाव से रहना सिखाया। राम ने सहनशीलता और कर्तव्यों का पालन करना माता कौशल्या से ही सीखा। उन्होंने कहा कि राम वन गमन पथ को पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करके राज्य सरकार छत्तीसगढ़ को नयी वैश्विक पहचान दे रही है। कुछ वर्षों पहले तक अन्य राज्यों के लोग छत्तीसगढ़ को या तो भिलाई के नाम से जानते थे, या फिर नक्सल समस्या के कारण, लेकिन अब यह छत्तीसगढ़ अपनी सांस्कृतिक संपन्नता के कारण जाना जाता है। इसकी पहचान इसके समृद्ध किसानों से होती है। उन्होंने कहा कि हमारी पहचान हमारे किसान और आदिवासी है।  हम इसी पहचान को आगे बढ़ा रह हैं, इसी उद्देश्य से हम लोगों ने रायपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर के आदिवासी नृत्य महोत्सव का भी आयोजन किया था। उन्होंने कहा कि कल बाबा गुरु घासीदास की जयंती है, यह त्यौहार भी हम शानदार ढंग से मनाएंगे। छत्तीसगढ़ की नयी पहचान के लिए सिरपुर को भी विकसित किया जाएगा, जो नालंदा के बाद सबसे बड़ा बौद्ध परिसर है। हम दुनिया को बताना चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ का हर क्षेत्र में विशेष महत्व है। 

श्री बघेल ने कहा कि गौ-सेवा के क्षेत्र में हमारी गोधन न्याय योजना से बढ़िया व्यवस्था और कहीं नहीं है। छत्तीसगढ़ गो-सेवकों का प्रदेश है। यहां के किसानों और मजदूरों ने देश को अपनी ताकत का अहसास करा दिया है। जब पूरे देश में मंदी छाई हुई है, तब यहां मंदी का कोई असर नहीं है। नाराज किसान देश की राजधानी को घेर कर बैठे हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में खुशहाली है। यदि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ की नीति पर काम करे तो किसानों का आंदोलन कल वापस हो जाए। 

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने हर युग में रास्ता दिखाया है। हमारी संस्कृति नफरत फैलाने की नहीं, बल्कि प्रेम बांटने की है। हम सभी को साथ लेकर चलना चाहते हैं, चाहे कोई किसी भी जाति या धर्म का हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोई भी भूखा-प्यासा न रहे, सभी को शिक्षा और रोजगार मिले, हम ऐसी व्यवस्था के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं।

रथ-यात्रा और बाइक रैली के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल सहित मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों ने चंदखुरी के कौशल्या माता मंदिर में पूजा-अर्चना की और रुद्राक्ष पौधे रोपे। समारोह में मुख्यमंत्री के साथ उनके मंत्रिमंडल के सदस्य पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, पंचायत मंत्री श्री टी.एस.सिंहदेव, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंडिया, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, निगम मंडलों के अध्यक्ष, क्षेत्रीय विधायक, जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम को गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राजेश्री रामसुंदर दास, पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, कृषि और जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने भी संबोधित किया। संस्कृति विभाग के सचिव श्री पी. अंबलगन ने स्वागत भाषण दिया।