चौक-चौराहों में रंगोली, दीवारों पर चित्रकारी और नारों के जरिए लाई जा रही पोषण और स्वच्छता संबंधी जागरूकता
रायपुर– पोषण संबंधी जागरूकता और कुपोषित बच्चों की पहचान के उद्देश्य से पूरे देश में सितम्बर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में भी इस दौरान पोषण जागरूकता के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण, स्वास्थ्य, स्वच्छता संबंधी अनेक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। कोविड 19 से बचाव के लिए शासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए घरों के आंगन, चौक-चौराहों में चित्रकारी, स्लोगन और रंगोली के जरिए पोषण और स्वच्छता संबंधी जानकारियां लोगों को दी जा रहीं हैं। साथ ही पोषण के पांच सूत्रों की जानकारी भी लोगों को दी जा रही है। इसके अलावा पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं द्वारा घर-घर जाकर कुपोषित बच्चों सहित गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को पोषण और स्वच्छता बनाए रखने संबंधी समझाईश दी जा रही है। कार्यकर्ताएं समय-समय पर बच्चों का वजन ओर ऊंचाई लेकर उनके शारीरिक विकास के बारे में बता रही है। साथ ही घरों के आंगन में फल, सब्जियों के पौधे लगाकर ’पोषण वाटिका’ विकसित करने पर भी बल दिया जा रहा है।
समुदाय को पौष्टिक आहार के बारे में जानकारी देने के साथ गर्भवती माताओ को अधिक मात्रा में मुनगा भाजी का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है। किशोरी बलिकाओं को एनीमिया से बचाव के लिए बताया जा रहा है कि खानपान का किस प्रकार विशेष ध्यान रखा जा सकता है। गंभीर कुपोषित बच्चों के चिन्हांकन के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर अवलोकन किया जा रहा है और गंभीर कुपोषित बच्चों को तत्काल पोषण पुनर्वास केंद्र भेजने की समझाइश दी जा रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता निरंतर माताओं को स्तनपान, पोषण एवं उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दे रहे है।