रायपुर – राजधानी के माना कैम्प में बाल अपराधियों को रखने के लिए 14 हजार 483 वर्गफीट भूमि में 1.13 करोड़ रूपये की लागत से 25 बालकों की क्षमता का प्लेस ऑफ सेफ्टी (शासकीय सुरक्षित स्थान) बनाया जाएगा। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने आज गुरूवार को प्लेस ऑफ सेफ्टी भवन के लिए भूमिपूजन किया। इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि ग्रामीण श्री पंकज शर्मा और महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
प्रदेश में संभागीय मुख्यालयों रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर एवं अंबिकापुर में सुरक्षित स्थान संचालित है। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 के प्रावधान अनुसार राज्य में 25 बालकों की क्षमता के 05 सुरक्षित स्थानों की स्थापना हेतु वर्ष 2014-15 में स्वीकृति प्रदान की गई है। केन्द्र प्रवर्तित एकीकृत बाल संरक्षण योजनांतर्गत रायपुर में सुरक्षित स्थान के भवन निर्माण हेतु वर्ष 2018-19 में 87.45 लाख रूपये की स्वीकृति प्राप्त हुई है, जिसमें से 40 प्रतिशत राशि 34.98 लाख रूपए राज्यांश है। निर्माण एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा तैयार प्राक्कलन अनुसार प्लेस ऑफ सेफ्टी के निर्माण में कुल 1.13 करोड़ रूपये की लागत आएगी। इसके लिए राज्य मद से अतिरिक्त राशि रूपए 25.55 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है।
उल्लेखनीय है कि सुरक्षित स्थान में 16 से 18 वर्ष की आयु के गंभीर अपराधों में लिप्त बालकों या 18 से 21 वर्ष आयु तक के ऐसे व्यक्तियों जिन्होंने 18 वर्ष आयु होने के पूर्व अपराध किया हो, को उनके प्रकरणों के विचाराधीन होने की अवधि में या दोषसिद्ध होने पर बालक न्यायालय अथवा किशोर न्याय बोर्ड के आदेश पर रखा जाता है। यहां बालकों की काउंसलिंग कर उनके सुधार, और पुनर्वास के लिए उपाय किए जाते हैं। बालकों को कौशल विकास, खेलकूद, योग जैसे कई माध्यमों से मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया जाता है।