आंगनवाड़ी कार्यकर्ता माईकिंग के माध्यम से कर रहे है जागरूक
रायपुर : माईकिंग के माध्यम से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मौसमी बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक कर रही हैं। कोरोना के अतिरिक्त मौसमी बीमारियों की जानकारियां लोगों को माइकिंग के माध्यम से प्रदान कर रही हैं, जिसे क्षेत्रवासियों द्वारा काफी सराहा जा रहा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक कुमार पांडेय के मार्गदर्शन में यह गतिविधियॉ आयोजित की जा रही है ।
पर्यवेक्षक रीता चौधरी कहती है -`आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा क्षेत्र में नियमित रूप से कोविड-19 के संक्रमण के प्रति जागरूक करने के अतिरिक्त लोगों को लू और आगामी मौसमी बीमारियों के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है ताकि समय पूर्व लोग सतर्क हो और बीमार होने पर नियमित रूप से उपचार करा सकें।`
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रतिमा गजभिए ने बताया कि क्षेत्र में माईकिंग एक बेहतर माध्यम है साथ ही इस माध्यम से लोगों तक अपनी बातों को पहुंचाने के के दौरान शारीरिक दूरी का पालन भी सही तरीके से होता है और लोगों तक अपनी बात भी आसानी पहुंच जाती है।
गजभिए कहती है कि माइकिंग के माध्यम से कोविड-19 के साथ-साथ लू, डेंगू, मलेरिया और स्वाइन फ्लू के बारे लोगों को जागरुक कर रहे है। इस दौरान कोविड-19 से बचाव, एवं मौसमी बीमारियों से बचने को क्या क्या सावधानियॉ रखना है के बारे में बता रहे है। जैसे-लू लगना, आतप ज्वर, ऊष्मा-मूर्छा (हीट स्ट्रोक या सन स्ट्रोक) शरीर की वह रोग अवस्था है जिसमें गर्मी के कारण शरीर का तापमान 40.0 डिग्री सेल्सियस (104.0 डिग्री फारेनहाइट) के पास पहुँच जाता है और मन में उलझन की स्थिति रहती है। इसके अन्य लक्षण हैं- लाल, शुष्क त्वचा, सिरदर्द, चक्कर आना हो सकता है ।वहींमलेरिया के बारे में भी लोगों को जागरुक किया जा रहा है जिसमें लगातार बुखार आता है,ज्यादा पसीना आता है,शरीर में कमजोरी आना और दर्द रहना, सिरदर्दहोना, ज्यादा ठंड लगना मलेरिया के लक्षण है।
इसके अलावास्वाइन फ्लू प्रभावित व्यक्ति में सामान्य मौसमी सर्दी-जुकाम जैसे ही लक्षण होते हैं, जैसे-नाक से पानी बहना या नाक बंद हो जाना,गले में खराश,सर्दी-खांसी,बुखार,सिरदर्द, शरीर दर्द, थकान, ठंड लगना,पेटदर्द,कभी-कभी दस्त उल्टी आना। लोगों से अपील की जा रही है की इस प्रकार के किसी भी लक्षण होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क कर नियमित उपचार कराना चाहिए। उपचार में कोताही या अधूरा उपचार करने पर इस तरह की बीमारियों में जान जाने का खतरा भी बना रहता है । साथ ही कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते रहना है। वैक्सीनेशन के प्रति लोगों को आपसी चर्चा कर जागरूक भी करें, समय पर वैक्सीनेशन करवाने से कोविड-19 के संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है।`