कर रहे हैं क्वारांटाइन अवधि को पूरा

बिलासपुर । लॉकडाउन के बाद दूसरे प्रदेशों में काम करने के लिए गये प्रवासी मजदूर छत्तीसगढ़ सरकार की मदद से अपने नगर, गांव में वापस लौटकर बड़े प्रसन्न हैं। वे अपने क्षेत्र को कोरोना संक्रमण से मुक्त रखने के लिए खुशी-खुशी क्वारांटाइन अवधि पूरी कर रहे हैं।
शासन द्वारा दिये निर्देशों का पालन करते हुए स्थानीय निकाय और पंचायतों द्वारा प्रवासी मजदूरों को क्वारांटाइन सेंटर्स में सभी जरूरी सुविधाएं दी जा रही हैं और उनका भरपूर ध्यान रखा जा रहा है। तखतपुर विकासखंड के ग्राम नेवरा में शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला में बनाये गये क्वारांटाइन सेंटर में दो बच्चों और पांच महिलाओं सहित 32 प्रवासी मजदूर रखे गये हैं जो महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, गुजरात आदि प्रदेशों से लौटकर आये हैं।

सरपंच के पति गिरधारी साहू बताया कि पंचायत के सभी पदाधिकारी और कर्मचारी लगातार प्रवासी मजदूरों की जरूरतों को पूरा करने में लगे हैं। स्कूल में एक हैंडपम्प है जिससे मजदूरों की जरूरतें पूरी नहीं होती इसलिये यहां पर एक बोर करा दिया गया। स्कूल के कुछ पंखे खराब थे, उन्हें बदल दिया गया है या फिर ठीक करा दिया गया है। स्कूल में मध्यान्ह भोजन बनाने वाली महिला समूह उनके लिये गर्म भोजन व नाश्ता तैयार करती हैं। यहां दिनभर चूल्हा जलता है और जो भी मजदूर भूखा-प्यासा पहुंचता है उसके लिये तत्काल भोजन तैयार किया जाता है।
क्वारांटाइन सेंटर में रुके रविन्द्र श्रीवास, संगम कुमार श्याम, विजय सिंह श्याम आदि मजदूरों ने बताया कि वे यहां की व्यवस्था से वे संतुष्ट हैं और कोरोना महामारी से बचाने के लिए सरकार द्वारा बनाये गये क्वारांटाइन के नियम का पालन कर रहे हैं।


करगीरोड (कोटा) के शासकीय प्री-मैट्रिक अनुसूचित जाति जनजाति बालक छात्रावास मे बनाये गये क्वारांटाइन सेंटर में लखनऊ, मुम्बई, पूना, भोपाल, हैदराबाद आदि से 28 प्रवासी मजदूर रुके हैं, जिनमें सात महिलाएं और सात बच्चे भी हैं। बच्चों में दो माह का एक नवजात शिशु भी है। सेंटर के नोडल अधिकारी छात्रावास अधीक्षक मो. इलियास बनाये गये हैं। नगर पंचायत द्वारा इनके भोजन की व्यवस्था की जा रही है। बच्चों को फल व बिस्कुट भी दिये जा रहे हैं। यहां एक निगरानी समिति भी बनाई गई है जिसमें नगर पंचायत के कर्मचारी, एसपीओ और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है। यहां प्रतिदिन स्वास्थ्य कार्यकर्ता और नर्स आकर रुके हुए मजदूरों के स्वास्थ्य की जानकारी लेते हैं।

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