रायपुर- राज्य शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी योजना से ग्रामीणों को नई दिशा मिल गयी है। इस योजना से अब गांवों की तस्वीर और तकदीर बदलने लगी है। बिलासपुर के विकासखंड बिल्हा के ग्राम धौरामुड़ा के आश्रित गांव बरपाली में भी अब महिलाओं को स्वावलंबन की नई राह मिल गयी हैं। इन महिलाओं ने एक समूह बनाकर वर्मीकम्पोस्ट खाद बनाने का काम शुरू किया है। बरपाली में ही बने गौठान में वे कृषि विभाग की मदद से वर्मीकम्पोस्ट और नाडेप खाद बना रही हैं। इससे पहले समूह की महिलाओं के पास आय का कोई जरिया नहीं था जिससे उन्हें दूसरों पर आश्रित रहना पड़ता था लेकिन अब उन्हें आर्थिक रूप से किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ रहा है।
लक्ष्मी स्वसहायता समूह में 10 सदस्य हैं और उन्हें वर्मीकम्पोस्ट खाद बनाने के लिए चार चरण में कृषि विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। समूह की महिलाओं ने 18 क्विंटल वर्मीकम्पोस्ट खाद का निर्माण किया है और 16 क्विंटल खाद की बिक्री से लगभग 15 हजार से अधिक राशि की आय अर्जित कर ली है। अब उन्होंने गोधन न्याय योजना के तहत भी खाद बनाने का काम शुरू किया है। समूह की महिलाएं कहती हैं कि आत्मनिर्भर होने से अब उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। अब वे और अधिक मेहनत कर अधिक से अधिक आय अर्जित करने का प्रयास करेंगी। महिलाओं ने बताया कि राज्य शासन की गोधन न्याय योजना सहित अन्य जनकल्याणकारी योजनाएं उनके हितों के लिए मील का पत्थर साबित होगी ।