जिला स्तर पर बनाया गया नियंत्रण कक्ष
जिले मे भी फसलों को नुकसान पहुचाने वाले टिड्डी दल (Locust Swarm) के प्रकोप को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया हैं। चूकिं टिड्डियो का दल राजस्थान होते हुए मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र राज्य तक पहुंच गया है और प्रदेष के कुछ जिलो मे लाखो टिड्डियो की हमले की आषंका है। वर्तमान में टिड्डी दल दोपहर 2 बजे मध्यप्रदेश राज्य के बालाघाट जिले के ग्राम कटोरी तक पहुंच चुका है। इसके चलते जिले के सभी सीमावर्ती गांवों में मुनादी तथा सुरक्षा दल का गठन व मैदानी स्तर पर अधिकारियों को सतत् निगरानी करने के लिए निर्देश कलेक्टर द्वारा दिए गये है।
जानें कैसा होता है टिड्डी दल
यह टिड्डी नाम के उड़ने वाले कीट का बड़ा दल है। इसमें लाखों कीड़े एक साथ उड़ते हैं। यह लगभग दो से ढाई इंच लम्बा कीट होता है। यह बहुत ही डरपोक होते हैं इसलिए समूह में रहते हैं। टिड्डियां एक दिन में 100 से 150 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती हैं। हालांकि इनके आगे बढ़ने की दिशा हवा की गति पर निर्भर करती है। टिड्डी दल सामूहिक रूप से लाखों की संख्या में झुंड-समूह बनाकर पेड़-पौधे एवं वनस्पतियों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। यह दल 15 से 20 मिनट में फसल के पत्तियों को पूर्ण रूप से खाकर नष्ट कर सकते हैं। शाम 6 से 8 बजे के आस-पास पहुंचकर जमीन पर बैठ जाते हैं। टिड्डी दल शाम के समय समूह में पेड़ों, झाड़ियों एवं फसलों पर बसेरा करते हैं। वहीं रात गुजारते हैं। रातभर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। फिर सुबह 8-9 बजे के करीब उड़ान भरते हैं।
यह करें उपाय
इस संबध मे किसानों को समझाईष दी गई है कि जब यह कीट आकाश में दिखाई पड़े तो उनको उतरने से रोकने के लिए तुरंत अपने खेत के आसपास मौजूद घास फूस जलाकर धुआं करें। इससे टिड्डी दल खेत में ना बैठकर आगे निकल जाएगा। आवाज से यह कीट डरता है। किसान अपने खेतों मे पटाखे फोड़कर, थाली बजाकर, ढोल-नगाड़े बजाकर आवाज करें। ट्रैक्टर के साइलैंसर को निकाल कर भी तेज ध्वनि कर सकते हैं। कल्टीवेटर या रोटावेटर चलाकर के टिड्डी को तथा उनके अंडों को नष्ट किया जा सकता है। इनको उस क्षेत्र से हटाने या भगाने के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों इस्तेमाल कर सकते है। इसके अलावा रासायनिक दवाओं से भी इसे काबू मे किया जा सकता है। इसके तहत् कृषक बेन्डियोकार्ब 80 प्रतिषत डब्ल्यू.पी.125 ग्राम, या डेल्टामेथरिन 2.8 प्रतिषत ईसी.या डेल्टामेथरिन 1.25 प्रतिषत युएलवी 1400 मिली. या डाईफलुबेंजुरन 25 प्रतिषत डब्ल्यू.पी. 120 ग्राम या लैम्डा साइक्लोथीरिन 5 प्रतिषत ईसी 400 एमएल या लैम्डा साइक्लोथीरिन 10 प्रतिषत डब्ल्यू पी 200 ग्राम या फेनवेलरेटेड 0.4 प्रतिषत डीपी 25 किग्रा जैसे कीट नाशकों का छिड़काव कर सकते हैं।
जिले मे बनाया गया कंट्रोल रूम
टिड्डी दल के प्रकोप से बचाव के लिए जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। जिला स्तर पर नोडल अनुविभागीय कृषि अधिकारी उग्रेश कुमार देवांगन (मोबाइल नंबर 9406426064) ,सहायक नोडल वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री जी आर नाग (मोबाइल नंबर 7869185206) सहायक श्री सौरभ वर्मा(मोबाइल नंबर 9617404654) व श्री आनंद नेताम (मोबाइल नंबर 9479017852) को नियुक्त किया गया है। टिड्डी दल के संबध मे जानकारी या सूचना नियंत्रण कक्ष के अधिकारियों के मोबाइल नंबर पर दी जा सकती है।