रायपुर – महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक ने दुर्ग जिले में महिला उत्पीड़ित से प्राप्त प्रकरणों की सुनवाई की। उन्होंने पक्षकारों से प्रकरण के सम्बंध में उनके कथन को सुना। श्रीमती नायक ने सुनवाई के दौरान आवेदक के साथ अनावेदक से भी सम्बंधित प्रकरण के संबंध में उनका पक्ष सुना। आज की सुनवाई के लिए 28 प्रकरण आयोग के समक्ष रखे गए थे। सुनवाई के दौरान ऐसे प्रकरण जिनकी सुनवाई पूरी कर ली गई है उसे नस्तीबद्ध किया। उन्होंने महिला आयोग के समक्ष प्रस्तुत प्रकरणों में विधि अधिनियम के अंतर्गत किया।
श्रीमती नायक ने कहा कि आयोग का उद्देश्य पीड़ित पक्ष को विधिसम्मत न्याय देना है। महिला आयोग महिलाओं की हितों की रक्षा करती है। आयोग के समक्ष जो भी प्रकरण आते है उनमें महिलाओं को उचित न्याय देकर उनके सम्मान की रक्षा की जाती है। सुनवाई के दौरान ऐसे प्रकरण जिनमें कमेटी गठित कर मामले की जांच पड़ताल की गई है, ऐसे प्रकरणों में कमेटी द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन को भी संज्ञान में लिया गया है। आज आए प्रकरणों में पति-पत्नी विवाद, दैहिक शोषण, मारपीट, प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की गई। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग में ड्राइवर के पद में महिला की नियुक्ति के संबंध में एक मामला आया। महिला ने कहा कि दो वर्ष से उन्हें नियुक्त नहीं किया जा रहा है। आयोग ने कहा कि महिला का दो वर्ष का समय खराब हुआ है जो आपत्तिजनक है। आयोग ने इस संबंध में अगली पेशी में संबंधित अधिकारी को पेश होने के निर्देश दिये हैं। एक अन्य मामले में एक चिकित्सका के प्रकरण को हल किया गया।