Gaurella-Pendra-Marwahi will get a new identity with the Arpa festival - CM Baghel
Gaurella-Pendra-Marwahi will get a new identity with the Arpa festival – CM Baghel
अरपा महोत्सव को मिलेगी और भव्यता 
डाॅ. भंवरसिंह पोर्ते महाविद्यालय और शासकीय स्कूल में डॉ. भंवरसिंह पोर्ते की प्रतिमा लगाने की घोषणा
छत्तीसगढ़ ने धान खरीदी का बनाया नया रिकार्ड
राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किश्त किसानों को 31 मार्च के पहले
पण्डित माधवराव सप्रे के 100 वर्ष पुराने लेखों के संग्रह की पुस्तिका का विमोचन

रायपुर – मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि अरपा महोत्सव से गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले की नई पहचान बनेगी। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव की नींव जिस खूबसूरती के साथ रखी गई है, उससे आने वाले समय में इसके स्वरूप में विस्तार होगा और भव्यता आएगी। 

श्री बघेल आज गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के स्थापना के प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित अरपा महोत्सव को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर डाॅ. भंवरसिंह पोर्ते की स्मृति में स्थापित महाविद्यालय और स्कूल में प्रतिमा लगाए जाने की घोषणा की। 

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर जिलेवासियों को 20 करोड़ रूपए से अधिक के विकास कार्यो का लोकार्पण और शिलान्यास कर जिले को विकास कार्यों की सौगात भी दी।  

मुख्यमंत्री ने पेन्ड्रा में आयोजित दो दिवसीय अरपा महोत्सव के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही को छत्तीसगढ़ बनते ही जिला बन जाना चाहिए था लेकिन इसकी उपेक्षा की गई। राज्य में नई सरकार के बनते ही वर्ष 2020 में क्षेत्र के लोगों का नए जिले का सपना पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि जिला बनते ही इस क्षेत्र केे विकास को गति मिली है। इस जिले को पूरी ताकत से विकसित करेंगे। साथ ही जिले को पर्यटन जिले के रूप में भी विकसित करने की कोशिश की जाएगी। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. चरण दास महंत, राजस्व और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के प्रभारी मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, संसदीय सचिव श्रीमती रश्मि आशीष सिंह, विधायक सर्व श्री डाॅ. के.के.ध्रुव, श्री शैलेष पाण्डेय और श्री मोहित केरकेट्टा, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा सहित पंचायती राज और नगरीय संस्थाओं के जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे। 

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अरपा महोत्सव और जिले की पहली वर्षगांठ की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महोत्सव में काफी कुछ नयापन देखने को मिल रहा है। महोत्सव में छत्तीसगढ़ के साथ ही इस जिले की गौरवशाली संस्कृति की झलक यहां देखने को मिल रही है। यहां हमारी संस्कृति के प्राचीन स्वरूप को नए ढंग से प्रस्तुत किया गया है जिससे लोगों में गर्व की अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही की धरती बड़ी पवित्र है। इस धरती से गंगा, नर्मदा, सोन, और महानदी नदियों में जल जाता है। हमारे राजगीत का पहला शब्द ही अरपा है, इससे इस पूरे क्षेत्र का महत्व प्रदर्शित होता है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरूदेव रविन्द्र नाथ टैगोर पेण्ड्रा में अपनी पत्नी के इलाज के लिए डेढ़ साल रूके थे। निस्संदेह उनकी रचनाओं पर यहां के प्राकृतिक वातावरण का असर पड़ा होगा। उन्होंने यहां के जनजीवन पर आधारित रचनाएं की होंगी। उन रचनाओं को ढूंढ कर महोत्सव में पाठ किया जाना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के पुरोधा पंडित माधवराव सप्रे की स्मृति को चिरस्थाई बनाए रखने के लिए आज यहां उनके नाम पर 50 लाख रूपए की लागत से प्रेस क्लब भवन का शिलान्यास हुआ है। उद्यानिकी कालेज स्व.श्री बिसाहू दास महंत के नाम पर शुरू करने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। जिले के विकास को गति देने के लिए पिछले प्रवास के दौरान भी अनेक कार्यों का शुभारंभ किया गया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में इस वर्ष समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का नया रिकार्ड बना है। किसानों से 93 लाख मीटरिक धान की खरीदी की गई है। किसानों के खाते में जितना पैसा गया उतना आज तक नहीं गया है। 20 लाख 58 हजार किसानों से धान की खरीदी की गई है। किसानों के खाते में 17322 करोड़ रूपए की राशि गयी है। किसानों को धान का वाजिब मूल्य मिलने पर खेती किसानी के प्रति रूझान बढ़ा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट काल में किसानों को राहत देने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को चार किश्तों में 5750 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा रहा है। इस योजना की तीन किश्ते दे चुके हैं। चौथी किश्त 31 मार्च के पहले किसानों के खाते में जमा करा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वन अधिकार अधिनियम के तहत 13 दिसंबर 2005 तक काबिज तथा तीन पीढ़ियों से निवासरत वनवासियों और परम्परागत निवासियों को व्यक्तिगत और सामुदायिक वनाधिकार पट्टा देने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सामुदायिक वन अधिकार के तहत जंगलों की रखवाली तथा लघुवनोपज के स्वामित्व का अधिकार देने के काम प्रथमिकता से किए जाए। इस कार्य में किसी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पण्डित माधवराव सप्रे के 100 वर्ष पुराने लेखों के संग्रह की पुस्तिका का विमोचन किया और जिले के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रदेशवासियों को गौरेला-पेंड्रा- मरवाही जिले के गठन की प्रथम वर्षगांठ पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यहां के लोग जिले के विकास और यहां की संस्कृति के संरक्षण के लिए पूरे उत्साह के साथ जुटे हैं । उन्होंने सभी लोगों से नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का आव्हान करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति की खुशबू भारत में ही नहीं विदेशों में भी फैले। उन्होंने कहा कि इस जिले से अरपा की धारा बहती है वैसे ही प्रेम और सौहार्द्र की धारा भी बहनी चाहिए।

 गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के प्रभारी मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि जनसुविधा को देखते हुए वर्तमान में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले का मुख्यालय जहां संचालित है वही इसका मुख्यालय बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अरपा महोत्सव का आयोजन हर वर्ष किया जाएगा।

मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा ने कहा कि इस क्षेत्र में अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया। उन्होंने इस क्षेत्र से जुड़े अपने संस्मरणों को भी याद किया।उन्होंने कहा कि क्षेत्र के जंगलों के पुराने वैभव को एक बार फिर से पुनर्जीवित करना होगा। विष्णु भोग चावल की खुशबू को एक बार फिर क्षेत्र की पहचान से जोड़ना होगा। जिले की कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी ने अरपा महोत्सव का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर जिला पंचायत बिलासपुर अध्यक्ष श्री अरुण सिंह चौहान, उपाध्यक्ष श्रीमती हेमकुंवर  श्याम,  नगर पंचायत पेंड्रा अध्यक्ष श्री राकेश जालान, नगर पंचायत अध्यक्ष गौरेला श्रीमती गंगोत्री राठौर, जनपद पंचायत अध्यक्ष पेंड्रा श्रीमती आशा मरावी, जनपद पंचायत अध्यक्ष गौरेला सुश्री ममता पैकरा, कमिश्नर बिलासपुर डॉ. संजय अलंग, पुलिस महनिरीक्षक बिलासपुर श्री रतनलाल डांगी, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के पुलिस अधीक्षक श्री सूरज सिंह परिहार सहित अनेक जनप्रतिनिधि, बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।