सेंटर बनाने दिशा-निर्देश

रायपुर – मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशन पर राज्य शासन द्वारा कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव, रोकथाम तथा नियंत्रण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे है।। राज्य में कोरोना वायरस की महामारी से बचाव हेतु सामुदाय स्तर पर सक्रिय निगरानी रखी जा रही है। मरीजों की त्वरित पहचान कर शीघ्र उपचार किया जा रहा है। राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ राज्य से अन्य राज्यों में रोजगार के लिए गए श्रमिकों और व्यक्तियों को अपने राज्य में वापस लाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत बड़ी संख्या में बाहर से मजदूर अपने जिले और गांव में आएंगे। इन सभी बाहर से आने वालों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। इसके लिए राज्य के सभी जिलों के ग्राम पंचायत के गांवों के बाहर क्वारेंटाइन सेंटर बनाए जा रहे हैं। 


     स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्वारेंटाइन सेंटर बनाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए है। स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने राज्य के सभी जिलों के कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को क्वारेंटाइन सेंटर तैयार करने के संबंध में निर्देशानुसार समुचित कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से आवश्यक समन्वय से कार्य करने को कहा है।  


    छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत में बाहर से आने वाले व्यक्तियों को क्वारेंटाइन हेतु क्वारेंटाइन सेंटर का चिन्हाकन किया जाए। ये क्वारेंटाइन सेंटर गांव के बाहर होने चाहिए तथा उस क्वारेंटाइन सेंटर से कोई व्यक्ति बाहर न जा सके, इस हेतु चारों ओर बेरिकेटिंग कराया जाए। इसकी निगरानी ग्राम पंचायत सचिव कोटवार द्वारा कराया जाए। यदि क्वारेंटाइन सेंटर किसी सामुदायिक भवन अथवा स्कूल में बनाया गया हो तो ऐसी व्यवस्था की जाए कि सेंटर के अंदर भी अलग-अलग खण्ड हो ताकि यदि कोई व्यक्ति पाजीटिव पाया जाता है तो उसे तत्काल उसे दूसरे खण्ड में शिफ्ट किया जा सके। इन व्यक्तियों के स्नान एवं शौचालय के लिए पृथक से उचित व्यवस्था किया जाए। 


    यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी खुले स्थान पर शौच न करें। संभव हो तो बायो डेग्रिडिबल शौचालय का इस्तेमाल किया जाए। किसी भी व्यवस्था में इन्हें ग्रामीणों के निस्तारी हेतु उपयोग किए जाने वाले तालाब के उपयोग से वर्जित रखा जाए। इन लोगों को यथासंभव नहाने हेतु कैम्पस में ही उचित स्नानागार की व्यवस्था किया जाए। इनके भोजन की व्यवस्था करते समय दो गज की दूरी रखते हुए सोशल एवं फिजिकल डिस्टेंसिंग के समस्त नियमों का पालन किया जाए। भोजन परोसने वाले व्यक्ति सावधानी बरतते हुए भोजन परोसे। इनको भोजन डिस्पोजेबल पत्तल-गिलास मंे उपलब्ध कराया जाए। उपयोग के पश्चात इन सामग्रियों को डिप-बरियल की विधि से निस्पादन किया जाए। सेंटर के पीछे ही गड्डे खोदकर पत्तल-गिलास आदि का डिस्पोजल किया जाए। 


    इनकों 14 दिनों तक किसी भी प्रकार के कैम्पस से बाहर न जाने दिया जाए या अन्य ग्रामीणों से मिलने से वंचित रखा जाए। कंटेनमेंट क्षेत्र में किसी भी प्रकार की सामाजिक-सार्वजनिक गतिविधियां संचालित नहीं की जाए। इनमें से किन्हीं व्यक्तियों को सदी-खांसी, बुखार या श्वांस लेने में तकलीफ होने की अवस्था में तथा कोविड-19 के संभावित लक्षण होने पर, तत्काल सूचना क्वारेंटाइन सेंटर के प्रभारी के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को प्रेषित किया जाएगा। ऐसे व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर, तत्काल निकटस्थ आईसोलेशन सेंटर में भेजा जाए। क्वारेंटाइन-आइसोलेशन सेंटर व मजदूर कैम्प से किसी व्यक्ति का सैम्पल टेस्टिंग हेतु भेजे जाने की अवस्था में उक्त व्यक्ति की जांच रिपोर्ट आने तक किसी भी अवस्था में डिस्चार्ज न किया जाए। 


    निर्देशानुसार कैम्पों में क्वारेंटाइन स्थापित करने एवं संचालित करने का दायित्व ग्राम पंचायत का होगा। कम्युनिटी सर्वेलेंस का कार्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आवश्यकतानुसार कान्टैक्ट ट्रेसिंग का कार्य शिक्षकों द्वारा किया जाएगा। ग्राम के कोटवार के द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का कार्य सुनिश्चित कराया जाएगा। उपरोक्त निर्देशों के पालन की निगरानी की जिम्मेदारी स्थानीय राजस्व अधिकारी की होगी। इन क्वारेंटाइन सेंटर में सेवा देने वाले प्रत्येक व्यक्ति को जानकारी दी जाए कि ये संदग्धि व्यक्ति है तथा संक्रमित हो सकते हैं। अतः वे पर्याप्त सावधानी बरते एवं अनावश्यक इनसे न मिले। इन कैम्पों में राजस्व विभाग, पुलिस विभाग तथा अन्य संबंधित विभाग द्वारा निरंतर निगरानी की जा रही है। इन क्षेत्रों में कार्य करने वाले प्रत्येक अधिकारी तथा कर्मचारी को अपनी सुरक्षा हेतु बनाए रखने, मास्क अनिवार्य रूप से पहनने एवं अन्य समस्त आवश्यक उपायों का पालन सुनिश्चित कराने हेतु निर्देशित किया जाए। 
    स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने क्वारेंटाइन सेंटर में रखे गए व्यक्तियों के स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी निर्धारित परिपत्र में प्रतिदिन स्वास्थ्य विभाग को प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं।

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