पढ़ई तुंहर दुआर योजना जशपुर जिले में भी प्रारंभ
अब तक 23 हजार 550 विद्यार्थी और 6 हजार 327 शिक्षक विभाग के वेब पोर्टल में पंजीकृत
ज्ञान कौशल समझ को बेहतर बनाने में पढ़ई तुंहर दुआर की भूमिका सराहनीय
लाकडाउन के कठिन परिस्थिति में छात्र-छात्राओं की हो रही है पढ़ाई
जशपुरनगर – कलेक्टर श्री निलेषकुमार महादेव क्षीरसागर के मार्गदर्शन में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम सुरक्षा के उपाए के लिए स्कूल बंद किया गया हैं। यह आवश्यक हो गया है कि घरों में रहकर ही बच्चों को पढ़ने-लिखने और सीखने का अवसर प्रदान किया जाये। छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थियों के हित में पढ़ई तुंहर दुआर ई-प्लेटफार्म की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
इससे अब छात्र-छात्राएं अपनी पढ़ाई ई-प्रक्रिया के तहत सीखना जारी रख सकेंगे और आगे की पढ़ाई के लिये पूरी तरह से तैयार रहेंगे। जिले के 1745 वर्चुअल स्कूलों के 23 हजार 550 विद्यार्थी और 6 हजार 327 शिक्षक विभाग के वेब पोर्टल में पंजीयन करा चुके है , एवं पंजीयन का कार्य निरंतर जारी है। जिले में ऑनलाईन पोर्टल एवं व्हाट्सअप गु्रप के माध्यम से शिक्षक एवं बच्चे आपस में जुड़ रहे हैं। एक वैचारिक एवं तकनीकी क्रांति का दौर है और इसके माध्यम से पढ़ने के रोचक अनुभव है। बच्चों एवं शिक्षकों को यह पता है कि कोरोना वायरस कोविड-19 जैसे घातक बीमारी को हराना है इसलिए सभी सजग होकर ऑनलाईन पढ़ाई के लिए जागरूक हो रहे हैं। बच्चे स्मार्ट फोन के जरिए अपने शिक्षकों से जुड़े हुए हैं और अपनी शैक्षणिक समस्याओं का समाधान प्राप्त कर रहे हैं। शिक्षक बच्चों से ऑनलाईन कक्षाओं के माध्यम से लर्निग के ऑडियो-वीडियो लेसन, स्टडी मटेरियल सामान्य ज्ञान-विज्ञान की पीडीएफ फाईल एवं होमवर्क के साथ ही प्रष्नों के उत्तर आदि आपस में साझा कर रहे है ताकि लाॅक डाउन जैसे इस कठिन परिस्थिति में भी छात्रों की पढ़ाई में नुकसान ना हो। उन्होने बताया कि पोर्टल में शिक्षकों द्वारा बच्चो को घर बैठे गृह कार्य देकर उसका जांच करने की सुविधा दी गई है।
जिला शिक्षा अधिकारी श्री, एन कुजूर ने आज बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग की महत्वकांक्षी योजना पढ़ई तुंहर दुआर योजना को सफल बनाने के लिए जिले के 135 संकुलों में संकुल नोडल अधिकारियों का चयन किया गया है और प्रत्येक विकासखण्ड में विकास खण्ड प्रभारी अधिकारी व विकासखण्ड नोडल अधिकारी को जिम्मेदारी दी गयी है। उन्होने बताया कि पढ़ई तुंहर दुआर योजना के अंतर्गत कक्षा पहली से 10वीं तक के विद्यार्थी अपने घरों में बैठकर एंड्राइड फोन के द्वारा विभिन्न विषयों के शैक्षणिक सामग्रियों को आडियों वीडियों के रूप में देख व सुन सकते है।
उन्होंने बताया कि पढ़ई तुहर दुआर योजना का उपयोग केवल लाॅक डाउन की स्थिति में ना चल के बल्कि स्कूलों के खुलने के बाद भी एक-दूसरे के पूरक बनकर कार्य करंगे ताकि इस योजना का लाभ जिले के सभी स्कूली विद्यार्थियों के द्वारा लिया जा सके। इस योजना का लाभ लेने के लिए बच्चों को बहेबीववसण्पद पोर्टल में जाकर अपना मोबाइल नंबर व कुछ जानकारी प्रविष्ट करने के साथ विद्यार्थी के रूप में पंजीयन करना होगा। इसके बाद वह अपने मोबाइल नंबर व पासवर्ड की सहायता से लाॅगिन करके अपलोडेड शैक्षणिक सामग्री व आॅनलाइन कक्षाओं में भाग ले सकेगें। यदि किसी एक परिवार में 3 विद्यार्थी अलग-अलग कक्षा में पढ़ाई कर रहे है तो उन्हें एक ही मोबाइल नंबर का पंजीयन करना होगा तथा तीनों विद्यार्थियों का नाम एवं कक्षा अपलोड करना होगा। जिसके फलस्वरूप अलग-अलग कक्षाओं के विषय सामाग्री तीनों विद्यार्थियों के द्वारा देखा जा सकेगा। श्री कुजूर ने बताया कि जिले के षेष विद्यालयों में वर्चुअल समूहों का गठन और विद्यार्थीयों के पंजीयन की प्रक्रिया जारी है ताकि षेष बच्चे भी पोर्टल में पंजीयन कर नियमित पढ़ाई का लाभ ले सकें। बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए शिक्षा विभाग के समस्त अमला निरंतर कार्य कर रहा है।