दुर्ग – फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले टिड्डी दल (लोकस्ट स्वार्म) का प्रकोप राजस्थान होते हुए महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश राज्य तक पहुंच गया है। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण यह हमारे राज्य और जिले में भी प्रवेश कर सकते है। केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केन्द्र के सहायक निर्देशक ने सीमावर्ती जिले के कृषि अधिकारीयों कर्मचारियों और किसानों को सचेत रहने कहा है। टिड्डी दल सायंकाल 6-9 बजे खेतों में झुड़ में रहते है, इनकी गति 80-150 किलोमीटर प्रतिदिन होती है। तदनुसार कृषकों,ग्रामीणों कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से तत्काल जानकारी प्राप्त करके नियंत्रण हेतु कृषि विभाग द्वारा पूर्ण तैयारी कर ली गई है। इसके रोकथाम के लिए जिले के प्राइवेट डीलर्स के यहाँ प्रभावशील अनुसंशित दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
किसान डेजर्ट एरिया के लिए कीटनाषक मैलाथियोन, फेनवलरेट, क्विनालफोस तथा फसलों और अन्य वृक्षों के लिए क्लोरोपायरीफोस, डेल्टामेथ्रिन, डिफ्लूबेनजुरान, फिप्रोनिल, लेमडासाइहेलोथ्रिन कीटनाशक का प्रयोग कर सकते है।

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