रायपुर। छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी अब हमारे बीच नहीं हैं। शुक्रवार दोपहर रायपुर के श्री नारायणा अस्पताल में लंबे इलाज के बाद उनका निधन हुआ। 74 साल की उम्र में मौत से जोगी जंग हार गए। शुक्रवार रात उनका पार्थिव शरीर अस्पताल से उनके रायपुर स्थित बंगले लाया गया। जिस किसी ने भी अजीत जोगी के निधन की खबर सुनी, आखिरी दर्शन के लिए दौड़ पड़ा। कार्यकर्ताओं की आंखें नम थी, पूरा छत्तीसगढ़ शोक में डूब गया। सीएम भूपेश बघेल सहित सूबे के कई नामी चेहरे अजीत जोगी को श्रद्धांजलि देने सगौन बंगला पहुंचे।
शनिवार सुबह अजीत जोगी का पार्थिव शरीर रायपुर के सागौन बंगले से बिलासपुर के मरवाही सदन के लिए रवाना हुआ। राजधानी के जिस रास्ते अजीत जोगी निकले, लोगों की आंखें भर आईं। लोगों जहां खड़े थे वहीं से अजीत जोगी को श्रद्धांजलि दी। उनके समर्थकों में गम का माहौल था। जब तक सूरज चांद रहेगा जोगी जी का नाम रहे, के नारे के साथ रायपुर से उनकी अंतिम यात्रा बिलासपुर की ओर निकली। अजीत जोगी की अंतिम यात्रा सागौन बंगले से फाफाडीह, सिलतरा, धरसीवां, सिमगा, दामाखेड़ा, नांदघाट होते हुए बिलासपुर पहुंचेगा।
अजीत जोगी की अंतिम दर्शन करने लोग पहुंच रहे हैं। बिलासपुर मरवाही
बाइपास से रतनपुर, छतौना, जरगा, केंदा, सेमरा, मझगवां, कसाई बाग, डूंगरा,
बसंतपुर, जहाबर होते हुए उनकी अंतिम यात्रा मरवाही के सेनेटोरियम
कब्रिस्तान पहुंचेगी जहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया
जाएगा। सीएम भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत, मंत्री टीएस
सिंहदेव, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक सहित कई वीआईपी इस दौरान मौजूद
रहेंगे।
गौरेला में सुरक्षा के मद्देनजर दो एसपी को तौनात किया गया है.आईडी दीपांशु काबरा भी गौरेला पहुंच गए हैं. तकरीबन 250 पुलिस अधिकारी और जवानों की तैनाती कर दी गई है। कोरोना काल के इस लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग और महामारी अधिनियम के पालन के लिए अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी ने सभी से अपील करते हुए नियमों के पालन को सच्ची श्रद्धांजलि माना है।