पिता दिव्यांग, अब मैं भी चोटिल, घर में कमाई का जरिया खत्म
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बिरगांव में बीच सड़क में बर्बरता पूर्वक राहगीरों को पीटने वाले टीआई नितिन उपाध्याय को विभाग ने सिर्फ लाइन हाजिर किया है, लेकिन पीड़ित मां-बेटे ने उसे निलंबित करने की मांग की है। पीड़ित मितेश के पिता दिव्यांग है, वो अकेला घर में कमाने वाला शख्स है। निजी फैक्ट्री में काम करता है, लेकिन चोटिल होने की वजह से अब काम भी नहीं कर पा रहा। जिससे उसके घर में कमाई का जरिया खत्म हो गया है।
बिरगांव से शिकायत लेकर मंगलवार को दोनों सीएसपी दफ्तर पहुंचे, जहां
उनकी मुलाकात सीएसपी से तो नहीं हो सकी, लेकिन जनरपट से बातचीत में
उन्होंने अपने साथ हुई आपबीती को विस्तार से बताया। माँ और बेटे दोनों ने
कहा कि हमारे साथ अन्याय हुआ है, थानेदार को कड़ी से कड़ी सजा देते हुए
निलंबित करना चाहिए।
बता दे कि रविवार 7 जून को बिरगांव में उरला थाना प्रभारी नितिन
उपाध्याय ने कई लोगों की लाठी से जमकर पिटाई की थी। पिटाई का वीडियो जनरपट
के पास भी हैं। उक्त वीडितो सोशल मीडिया में काफी वायरल हुआ, और वह पुलिस
विभाग से लेकर सूबे के मुखिया भूपेश बघेल तक पहुंच गया। दरोगा की लाठी
का शिकार हुए पीड़ित मितेश गुप्ता और माँ मीरा गुप्ता आज पहली बार मीडिया
के सामने आए और पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। पिटाई के कारण शरीर पर उपजे
चोट के निशान को भी दिखाया। दरोगा ने बड़ी बेदर्दी से मितेश पर
डंडे बरसाए हैं।
मितेश की माँ मीरा गुप्ता ने बताया कि बेटे के साथ सब्जी लेने गई थी। इसी बीच रास्ते में टीआई खड़ा हुआ था। उसने हमसे पूछा कहा कि कहा गए थे, तब मेरे बेटे ने थैला दिखाते हुए सब्जी खरीदने जाने की बात कही। इतने में बिना किसी वजह के टीआई ने बेटे पर लाठी बरसाना शुरू कर दिया। मैंने छुड़ाने की कोशिश की, तो मुझे भी उसने धक्का दिया। हमारे साथ जो अन्याय किया है, उसकी सजा उसे मिलनी चाहिए। उन्होंने टीआई नितिन उपाध्याय को सस्पेंड करने की मांग की है। पीड़ित मितेश गुप्ता ने बताया कि वो मूलत: बिहार के रहने वाले हैं, लेकिन पिछले लंबे समय से बिरगांव में ही रह रहे हैं। पिता दिव्यांग है, वो अकेला घर में कमाने वाला शख्स है। निजी फैक्ट्री में काम करता है, लेकिन चोटिल होने की वजह से काम भी नहीं कर पा रहा। जिससे उसके घर में कमाई का जरिया खत्म हो गया है। इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया हैं। बिरगांव के लोगों में भी काफी आक्रोश हैं।