54 acres of land to be developed for religious and social works in Rajim - Shri Bhupesh Baghel
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54 acres of land to be developed for religious and social works in Rajim - Shri Bhupesh Baghel
54 acres of land to be developed for religious and social works in Rajim – Shri Bhupesh Baghel
साधु-संतो के पावन सानिध्य में राजिम माघी पुन्नी मेला का भव्य समापन
माघी-पुन्नी मेला को छत्तीसगढ़ी संस्कृति को पुनर्जीवित करने किया जायेगा याद
माघी पुन्नी मेला के दौरान 15 दिनों तक बंद रहेंगी राजिम व आस-पास की शराब दुकानें

रायपुर – छत्तीसगढ़ का प्रयागराज कहे जाने वाले पवित्र त्रिवेणी संगम के तट पर 27 फरवरी से 11 मार्च तक आयोजित होने वाले राजिम माघी-पुन्नी मेला 2021 का भव्य समापन आज महाशिवरात्रि के अवसर पर शाम 7 बजे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष मौजूदगी में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के धर्मस्व, पर्यटन, गृह, जेल, लोक निर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने की। समारोह में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत श्री रामसुन्दरदास महाराज, महंत गोवर्धन शरण महाराज, संत श्री उमेशानंद महाराज, संत रविकर साहेब, ब्रम्हकुमारी पुष्पा बहन, ब्रम्हकुमारी हेमा बहन, संत विचार साहेब एवं विशिष्ट साधु-संतों की गरिमामयी मौजूदगी रही। अतिथियों ने भगवान श्री राजीव लोचन की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर पूजा-अर्चना की। इसके पूर्व अतिथियों ने भगवान श्री राजीव लोचन और महानदी की आरती में शामिल होकर प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि की कामना की। 

इस अवसर पर उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि राजिम एक शहर नहीं बल्कि धर्म, अध्यात्म और संस्कृति का परिचय है। पहले इस मेले में हर काम अस्थायी होता था। अब यहां आवश्यक सुविधाओं की स्थायी व्यवस्था हो, इसकी शुरूआत की गई है। इसके लिए 54 एकड़ जमीन को धार्मिक एवं सामाजिक कार्य हेतु आरक्षित किया गया है। इसे विकसित करने के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम ने अपने वनवास काल के दौरान सर्वाधिक समय छत्तीसगढ़ में व्यतीत किया। राजिम से लेकर शिवरीनारायण तक कमल क्षेत्र कहलाता है। उन्होंने राम वन गमन पथ को विकसित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी और कहा कि धार्मिक एवं पर्यटन महत्ता स्थानों को विकसित किया जा रहा है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजिम माघी-पुन्नी मेला में लगभग 10 लाख आते हैं। श्रद्धालुओं को यहां बेहतर सुविधा मिल सके यह शासन-प्रशासन का प्रयास होगा। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर राज्य में सभी वर्गों की खुशहाली के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि किसानों की खुशहाली और समृद्धि के लिए राज्य में कई अभिनव योजनाएं शुरू की गई है। 

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर राजिम पुन्नी मेला की धार्मिक महत्ता को देखते हुए विधायक अमितेष शुक्ल के आग्रह पर राजिम मेला के दौरान राजिम सहित आसपास के इलाके की शराब दुकानों को 15 दिन तक बंद रखे जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर राजिम पुन्नी मेला देखने बचपन में बैलगाड़ी से आने का उल्लेख करते हुए कहा कि इस मेले के आयोजन की परंपरा सदियों से है। उन्होंने कहा कि पिछले 15 सालों के दौरान यहां आयोजित होने वाले राजिम पुन्नी मेले की धार्मिक महत्ता, परंपरा और संस्कृति को भुला दिया गया था। इस मेले के स्वरूप को बिगाड़ने का प्रयास किया गया था। उन्होंने इस मौके पर गरियाबंद कलेक्टर द्वारा छत्तीसगढ़ी में प्रतिवेदन पढ़ने पर प्रसन्नता जताई और कहा कि मंत्रालय में भी अधिकारी-कर्मचारी छत्तीसगढ़ी में बातचीत करते हैं। यह छत्तीसगढ़ी को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों का परिणाम है। 

धर्मस्व मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि 27 फरवरी माघी-पुन्नी मेला के दिन कार्यक्रम का शुभांरभ हुआ। 6 तारीख को जानकी स्नान के बाद आज 11 मार्च को इस मेले का भव्य समापन हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल जी ने सरकार गठन के बाद हमें जो जिम्मेदारी दी थी, उसे हम पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ सफल बनाने का प्रयास कर रहे है। विधेयक पास कर माघी-पुन्नी मेला को इसके वास्तविक स्वरूप को वापस किया जा रहा है। सरकार ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति को आगे बढ़ाने और उसे समृद्ध बनाने की दिशा में काम रही है। उन्होंने राजिम-माघी पुन्नी मेला के भव्य आयोजन में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सहभागी सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी।

नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कहा कि बीते 15 सालों में छत्तीसगढ़ में धर्म और परंपरा के नाम पर राजनीति हो रही थी। इसके कारण राजिम में माघी-पुन्नी मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कम होती जा रही थी। आज यह मेला अपने वास्तविक स्वरूप में आयोजित होने लगा है जिसकी वजह से श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है। गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदरदास ने कहा कि चित्रोत्पला गंगा संगम मेला का आयोजन छत्तीसगढ़ के संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रही है। अभनपुर विधायक श्री धनेन्द्र साहू ने शिवरात्रि पर्व की सभी को शुभकामनाएॅ देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विधेयक पारित कराकर राजिम कुंभ के स्थान पर इस मेले को इसका पुराना नाम माघी-पुन्नी मेला कर इसके वास्तविक स्वरूप दिया है। यह हम सबके लिए गर्व की बात है। राजिम विधायक श्री अमितेष शुक्ल ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे। 

समारोह में जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति नीरज ठाकुर, जनपद पंचायत फिंगेश्वर के अध्यक्ष पुष्पा जगन्नाथ साहू, नगर पालिका परिषद् गोबरा नवापारा के अध्यक्ष श्री धनराज मध्यानी और नगर पंचायत राजिम की अध्यक्ष श्रीमती रेखा राजू सोनकर के अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे। 

54 acres of land to be developed for religious and social works in Rajim - Shri Bhupesh Baghel
54 acres of land to be developed for religious and social works in Rajim – Shri Bhupesh Baghel