दुर्ग – जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत अब तक 10728 बच्चों में से 4085 इस प्रकार लगभग 39 प्रतिशत बच्चों को कुपोषण से मुक्त कर सामान्य श्रेणी में लाया जा चुका है। इस सफलता में महिला एवं बाल विकास विभाग के पूरे अमले के साथ-साथ समुदाय और पालकों की सहभागिता और सक्रियता का महत्वपूर्ण योगदान है। एक तरफ जहाँ परियोजना अधिकारी,सेक्टर पर्यवेक्षक व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा लगातार गृह भेंट कर बच्चों के वजन के नियमित अवलोकन एंव कॉउन्सलिंग की जा रही है। वही दूसरी ओर पालक भी जागरूक होकर अपने बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए विभाग का सहयोग कर रहे है।
केस स्टडी-1
गंभीर रूप से कुपोषित मोहन ने कुपोषण के दानव को हराकर पाई अच्छी सेहत, लगातार निगरानी और देखभाल से सिर्फ चार महीनें में मिली कुपोषण से मुक्ति
परियोजना भिलाई -01 के सेक्टर-खुर्सीपार जोन-03 के आगंनबाड़ी केन्द्र – राधा कृष्ण मंदिर 01 के अंतर्गत बालक मोहन यादव को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत शामिल किया गया। मोहन का जन्म 02 फरवरी 2018 को हुआ। बचपन से ही मोहन यादव गले से कुछ खा नहीं पाता था। उसकी मां कुछ खिलाने से डरती थी, क्योेंकि गले में अटकता था। अपनी इस बीमारी के कारण मोहन लगातार कमजोर होने लगा। जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनिता डहारे गृह भेंट पर गई तब इस बच्चें की हालत के बारे में पता चला कि मोहन गंभीर रूप से कुपोषित था। उसने बिना देर किए मोहन को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत सेक्टर खुर्सीपार जोन-03 में आयोजित बाल संदर्भ शिविर में ले जाकर स्वास्थ्य जाँच करवाई। जहाँ डॉक्टर द्वारा बालक मोहन को जरूरी दवाईया,विटामिन सिरप और प्रोटीन पाउडर आदि उपलब्ध कराया गया। बच्चे की माता को समझाईश दी गई कि किस तरह घर में मोहन की देखभाल होनी चाहिए। इसके साथ-साथ मोहन को आंगनबाड़ी में भी प्रतिदिन मुंगफली, गुड, सोया से निर्मित चिक्की, मौसमी फल, दलिया, अण्डा, राजगीर का लड्डू, अंकुरित अनाज इत्यादि पौष्टिक आहार के रूप में दिया जाने लगा जिसके फलस्वरूप बच्चे का वजन लगातार बढ़ने लगा। आज 4 महीने बाद मोहन पूरी तरह से सेहतमंद हो चुका है।
केस स्टडी -2
मरोदा सेक्टर के अनन्या को मिला मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का लाभ
कुछ ऐसी ही कहानी परियोजना भिलाई-01 के सेक्टर-मरोदा आंगनबाड़ी केन्द्र – बजरंगपारा की बालिका अनन्या नायक की है। मध्यम रूप से कुपोषित अनन्या को कार्यकर्ता सुनीता धीवर द्वारा मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत पंजीकृत किया गया। बालिका अनन्या को आंगनबाड़ी में प्रतिदिन मुंगफली, गुड, सोया से निर्मित चिक्की, मौसमी फल, दलिया, अण्डा, राजगीर का लड्डू, अंकुरित अनाज इत्यादि पौष्टिक आहार के रूप में दिया जाने लगा जिसके फलस्वरूप बच्चे का वजन लगातार बढ़ने लगा।इसके अलावा सेक्टर पर्यवेक्षक श्रीमती शिल्पा श्रीवास्तव एंव आंगनबाड़ी कार्याकर्ता द्वारा नियमित गृह भेंट कर अनन्या के माता पिता को उसके पोषण स्तर में सुधार लाने एंव स्वास्थ्य, स्वच्छ जीवन शैली अपनाने प्रोत्साहित किया। साथ ही उसके वजन पर भी लगातार निगरानी रखी गई।जिसका नतीजा यह निकला कि आज बालिका अनन्या अब सामान्य की श्रेणी में आ चुकी है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विपिन जैन ने बताया कि कलेक्टर श्री अंकित आनंद द्वारा समय-समय पर जारी निर्देश एंव मार्गदर्शन और जिला खनिज न्यास निधि से प्राप्त राशि का उपयोग कर जिले के कुपोषित बच्चों एंव एनीमिक महिलाओं को अतिरिक्त पौष्टिक आहार प्रदाय एंव स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जिससे जिले को कुपोषण एंव एनीमिया मुक्त किया जा सके।