रायपुर – लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों और अन्य लोगों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर वापस लाने का सिलसिला लगातार जारी है। राज्य के बाहर फंसे श्रमिकों को वापस लाने के लिए राज्य सरकारों से समन्वय कर अब तक 59 ट्रेनों के लिए सहमति प्रदान की गई है।
श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने बताया कि भवन और अन्य सन्ननिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल ने प्रवासी श्रमिकों को वापस छत्तीसगढ़ लाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए विभिन्न रेल मण्डलों को श्रमिकों के यात्रा व्यय के लिए आवश्यक राशि का भुगतान किया जा रहा है। वर्तमान में 50 हजार 797 यात्रियों को 39 ट्रेनों से वापस लाने के लिए 3 करोड़ 74 लाख 31 हजार 330 रूपए का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि राज्य शासन ने स्पेशल श्रमिक ट्रेन से अन्य प्रदेशों में फंसे श्रमिकों को 53 ट्रेनों के माध्यम से लगभग 71 हजार 712 श्रमिकों को और 453 अन्य यात्रियों को वापस लाया जा चुका है।
डॉ. डहरिया ने बताया कि लॉकडाउन के कारण श्रमिकों को जो छत्तीसगढ़ राज्य की सीमाओं पर पहुंच रहे है और राज्य से होकर गुजरने वाले सभी श्रमिकों के लिए नाश्ता, भोजन, स्वास्थ्य परीक्षण और परिवहन की नि:शुल्क व्यवस्था से श्रमिकों को काफी राहत मिली है। छत्तीसगढ़ के सभी सीमाओं पर पहुंचने वाले प्रवासी श्रमिकों को, चाहे वो किसी भी राज्य के हो, उन्हें छत्तीसगढ़ का मेहमान मान कर शासन-प्रशासन के लोग उनकी हरसंभव मदद कर रहे है।
उन्होंने बताया कि श्रम विभाग के अधिकारियों का दल गठित कर विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं, नियोजकों और प्रबंधकों से समन्वय कर श्रमिकों के लिए राशन और नगद आदि की व्यवस्था भी की जा रही है। प्रदेश के 26 हजार 205 श्रमिकों को 38 करोड़ 26 लाख रूपए बकाया वेतन का भुगतान भी कराया गया है। वहीं लॉकडाउन के द्वितीय चरण में 21 अप्रैल से शासन ने छूट प्रदत्त गतिविधियों और औद्योगिक क्षेत्रों में लगभग 1 लाख 4 हजार श्रमिकों को पुन: रोजगार उपलब्ध कराया गया है और छोटे-बड़े 1390 से अधिक कारखानों में पुन: कार्य प्रारंभ हो गया है।

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