joharcg.com भोपाल में आयोजित केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय की स्टार्स परियोजना की दो दिवसीय नॉलेज शेयरिंग कार्यशाला में स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने शिक्षा प्रणाली की मजबूती पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 2047 के विकसित भारत के विजन को साकार करने के लिए हमें शिक्षा प्रणाली को अभी से सुधारने की आवश्यकता है। राज्यों की शिक्षा प्रणाली में तेजी से सुधार से ही देश की शिक्षा व्यवस्था होगी मजबूत : केन्द्रीय स्कूल सचिव।
श्री सिंह ने नई शिक्षा नीति 2020 का हवाला देते हुए कहा कि इसमें बच्चों के समग्र विकास पर जोर दिया गया है। शिक्षा के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए स्टार्स परियोजना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस कार्यशाला में मध्यप्रदेश सहित 17 राज्यों के शिक्षा सचिव, राज्य परियोजना संचालक और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
शिक्षा का समर्पण और नियमितता
शिक्षा मंत्री ने कहा कि जब शिक्षक समर्पण की भावना से नियमित रूप से स्कूल जायेंगे और बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे, तभी हम सार्थक रूप से शिक्षा के उद्देश्यों को हासिल कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 से देश में प्रधानमंत्री श्री मोदी के विजन के अनुरूप शिक्षा को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में अब दुर्गम स्कूलों में भी बच्चों तक टेक्नोलॉजी पहुंचाने के लिए आईसीटी लैब की स्थापना पर जोर दिया जा रहा है।
‘सीएम राइज स्कूल’ और ‘एग्रीकल्चर स्कूल’ योजनाएँ
श्री सिंह ने राज्य सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘सीएम राइज स्कूल’ की विस्तृत जानकारी भी कार्यशाला में दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने स्कूलों में कृषि से जुड़ी शिक्षा व्यवस्था के लिए ‘एग्रीकल्चर स्कूल’ की योजना बनाई है। इस योजना से बच्चे खेती-किसानी के बारे में शिक्षा हासिल कर इसे गर्व के साथ अपनायेंगे।
शिक्षकों की व्यवस्था
श्री सिंह ने बताया कि प्रदेश के स्कूलों में इस वर्ष 20 हजार शिक्षकों को उच्च पद का प्रभार ऑनलाइन काउंसलिंग के जरिये दिलाया गया है। सभी शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए करीब 16 हजार शिक्षकों की पदस्थापना का युक्तियुक्तकरण किया गया है।
बजट का पूरा उपयोग
केन्द्रीय शिक्षा सचिव श्री संजय कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से राज्यों को शिक्षा योजना पर अधिक से अधिक बजट राशि देने का प्रयास किया जा रहा है। राज्यों का दायित्व है कि वे प्राप्त बजट राशि का शत-प्रतिशत उपयोग करें। उन्होंने शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए मानव संसाधन के उचित उपयोग पर भी जोर दिया।
कार्यशाला का उद्देश्य
कार्यशाला के उद्देश्यों के बारे में बताते हुए केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी श्री विपिन कुमार ने बताया कि स्टार्स परियोजना 6 राज्यों मध्यप्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान, केरल, हिमाचल और महाराष्ट्र में संचालित है। इन राज्यों के साथ 2-2 अन्य राज्यों को अनुभव के आदान-प्रदान के लिए जोड़ा गया है।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में सीनियर इकोनॉमिक एडवाइजर केन्द्रीय कौशल विकास मंत्रालय श्री नीलांबुज शरण भी मौजूद थे। आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती शिल्पा गुप्ता ने आभार व्यक्त किया और इस मौके पर स्टार्स परियोजना पर केन्द्रित पुस्तक का विमोचन भी किया गया। कार्यशाला स्थल पर स्कूल के बच्चों द्वारा प्रदर्शनी भी लगाई गई थी, जिसका अतिथियों ने अवलोकन किया और उनकी प्रशंसा की।