उद्यमशीलता से भारत

joharcg.com नई दिल्ली, 17 जनवरी 2025: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हाल ही में एक उद्घाटन समारोह में कहा कि भारत को एक बार फिर ‘सोने की चिड़ीया’ बनाने के लिए उद्यमशीलता को बढ़ावा देना आवश्यक है। उनका मानना है कि अगर भारतीय युवा अपनी उद्यमिता क्षमता को सही दिशा में लगाते हैं, तो भारत एक बार फिर से वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में उभर सकता है।

डॉ. यादव ने कहा, “हमारे इतिहास में भारत एक समृद्ध राष्ट्र था और उसकी आर्थिक शक्ति का प्रमुख कारण हमारी उद्यमशीलता थी। आज, हमें उसी परंपरा को फिर से पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है।” उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे नवाचार, तकनीकी विकास और उद्यमिता में अपनी भूमिका निभाएं, ताकि देश को एक नई दिशा मिल सके।

मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा उद्यमियों के लिए शुरू किए गए विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं का भी उल्लेख किया, जिनका उद्देश्य युवाओं को अपने व्यवसाय शुरू करने में मदद करना है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने मुद्रा योजना, स्टार्टअप इंडिया, और अन्य कई योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता, ट्रेनिंग और अन्य संसाधन प्रदान किए हैं ताकि युवा अपने उद्यमों को स्थापित कर सकें।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहन देना महत्वपूर्ण है, और इसके लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर उद्यमशीलता को सही दिशा दी जाए, तो भारत की अर्थव्यवस्था को प्रगति की नई ऊँचाइयाँ मिल सकती हैं।

मुख्यमंत्री ने भारतीय युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपनी सोच और मेहनत से न केवल अपने परिवार का भविष्य संवार सकते हैं, बल्कि देश की आर्थिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में उद्यमशीलता के माध्यम से हम भारत को एक बार फिर सोने की चिड़िया बनाएंगे। वर्ष 2014 में जब मोदी की सरकार बनी थी, भारत की अर्थव्यवस्था के समक्ष गंभीर चुनौतियां थीं। भारत विश्व की 11वीं अर्थव्यवस्था था। हमने अपनी आंतरिक शक्तियों, अनंत संभावनाओं को पहचाना और आज हम आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। मध्यप्रदेश में भी तेज गति से विकास हो रहा है। हमारा मध्यप्रदेश 9 करोड़ का परिवार है और आने वाले 5 वर्षों में हम अपनी जीडीपी को दोगुना करने वाले हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उद्योगपति हमारी “सर्वे भवंतु सुखिनः” की सनातन संस्कृति को चरितार्थ करते हैं। एक योद्धा जिस प्रकार युद्ध में देश के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर देता है उसी प्रकार एक उद्यमी कई परिवारों का भला करता है। यदि हम सभी अपनी-अपनी भूमिका को ठीक ढंग से निभाएं तो सभी का कल्याण होगा और देश तरक्की करेगा। अपने लिए जिए तो क्या जिए, हमें सभी के कल्याण के लिए जीना है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरलता, सुगमता के साथ व्यापार, व्यवसाय हमारी औद्योगिक नीति है। राज्य में उद्योगों के अनुकूल वातावरण है। हम उद्योगों को सहकार, सहयोग और सम्मान देते हैं। राज्य में औद्योगिक श्रमिकों की कोई परेशानी नहीं है। पर्यटन, आईटी सेक्टर और रेडीमेड गारमेंट्स आदि क्षेत्रों में उद्योगों को विशेष इंसेन्टिव दिए जाते हैं। रेडीमेड गारमेंट्स में 200 प्रतिशत तक मदद दी जाती है और 10 वर्ष तक 5 हजार रूपये प्रति मजदूर इंसेन्टिव भी दिया जाता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक युवा को उसकी योग्यता और दक्षता के अनुरूप रोजगार मिलेगा। मध्यप्रदेश में पिछले कुछ समय में 6 रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव आयोजित किये गए हैं, जिनमें 04 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आया है, और इनसे 3 लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। मध्यप्रदेश में आगामी 24 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स कॉन्क्लेव आयोजित की गई है। विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं को तलाशते हुए, सभी विभाग अपनी नीतियां बना रहे हैं, जो शीघ्र ही तैयार हो जाएंगी। प्रदेश में नव उद्यमिता (स्टार्ट-अप) को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय स्टार्ट-अप दिवस की सभी को बधाई दी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे लिए विकास का अर्थ केवल भौतिक अधोसंरचनाओं का विकास नहीं है, हम समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने गरीब, युवा, महिला और किसानों के कल्याण के लिए मिशन प्रारंभ किया है

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