उमरिया में झाड़ियों में

joharcg.com मध्य प्रदेश के उमरिया जिले से एक खौफनाक घटना सामने आई है, जिसमें एक बाघ ने अचानक हमला कर एक युवक को गंभीर रूप से घायल कर दिया। यह घटना वन क्षेत्र के पास की है, जहां बाघ झाड़ियों में छिपकर बैठा हुआ था। जैसे ही युवक वहां से गुजरा, बाघ ने उस पर हमला कर दिया। इस हमले से इलाके में दहशत का माहौल है, और वन विभाग ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है।

घटना उमरिया जिले के पास एक गांव के नजदीक की है, जहां वन क्षेत्र से सटा हुआ एक इलाका है। युवक, जो गांव का ही निवासी था, किसी काम से उस इलाके से गुजर रहा था। उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि झाड़ियों में एक बाघ घात लगाए बैठा है। जैसे ही वह युवक वहां से गुजरा, बाघ ने अचानक उस पर छलांग लगा दी और उसे अपने पंजों से गंभीर चोटें पहुंचाईं।

स्थानीय लोगों ने जब युवक की चीखें सुनीं, तो वे तुरंत मौके पर पहुंचे और शोर मचाकर बाघ को भगाने की कोशिश की। उनकी कोशिशों से बाघ वहां से भाग गया, लेकिन युवक गंभीर रूप से घायल हो चुका था। स्थानीय लोग उसे तुरंत अस्पताल लेकर गए, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।

उमरिया जिले का यह इलाका बाघों के लिए जाना जाता है, क्योंकि यहां पास में कई वन्यजीव संरक्षित क्षेत्र और टाइगर रिजर्व हैं। लेकिन हाल के महीनों में बाघों की सक्रियता बढ़ी है, और ग्रामीण इलाकों में उनके द्वारा हमला करने की घटनाएं भी बढ़ी हैं। वन विभाग का कहना है कि बाघों के प्राकृतिक आवास में कमी के कारण वे आबादी वाले इलाकों की तरफ बढ़ रहे हैं, जिससे ऐसे हमले हो रहे हैं।

घटना की सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और इलाके की घेराबंदी कर दी। वन अधिकारियों का कहना है कि इस बाघ की पहचान कर ली गई है, और उसे वापस जंगल में सुरक्षित भेजने के प्रयास किए जा रहे हैं। वन विभाग के अधिकारी लगातार इस क्षेत्र में निगरानी कर रहे हैं, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

वन विभाग ने स्थानीय ग्रामीणों को भी सतर्क रहने की सलाह दी है। अधिकारियों का कहना है कि बाघों के प्राकृतिक आवास के पास रह रहे लोगों को हमेशा सावधान रहना चाहिए और जंगलों के करीब जाने से बचना चाहिए, खासकर शाम और रात के समय।

युवक को गंभीर चोटें आई हैं, और वह फिलहाल अस्पताल में भर्ती है। डॉक्टरों का कहना है कि उसकी हालत नाजुक बनी हुई है, लेकिन समय पर इलाज मिलने से उसकी जान बचाई जा सकती है। परिवार और गांव के लोग इस घटना से काफी डरे हुए हैं और युवक की जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।

इस घटना के बाद से पूरे गांव में डर का माहौल है। ग्रामीण अब बाघ के दोबारा लौटने की आशंका से डरे हुए हैं। लोग अपने घरों के बाहर निकलने से कतरा रहे हैं, और बच्चों को भी घरों में रखने की हिदायत दी गई है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग को इस इलाके में बाघों की बढ़ती सक्रियता पर कड़ी नजर रखनी चाहिए और लोगों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने चाहिए।

बाघों और इंसानों के बीच टकराव की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, खासकर उन इलाकों में जहां जंगलों के पास गांव बसे हुए हैं। वन्यजीव संरक्षण की कोशिशों के बीच बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है, लेकिन उनके रहने योग्य क्षेत्र कम होने की वजह से वे इंसानी बस्तियों की ओर रुख कर रहे हैं। यह स्थिति वन विभाग और पर्यावरणविदों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।

उमरिया: चंदन के बेटे, मिठाईलाल बैगा ने रविवार को अपने गांव बकेली में बगीचे से कुछ मवेशी चराने के लिए निकला था। वहां पहुंचकर अचानक एक बाघ ने उस पर हमला कर दिया। इस हमले से मिठाईलाल बहुत गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें मानपुर अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।

मिठाईलाल ने बताया कि उन्हें अचानक बाघ का हमला काफी दर्दनाक रहा। वन विभाग की टीम ने बताया कि मिठाईलाल गांव के पीएफ 190 बीट बमेरा कक्ष में मवेशी चराने गए थे, जहां उन पर बाघ ने हमला किया। उन्हें मानपुर अस्पताल में एडमिट कर दिया गया है और उन्हें तात्कालिक आर्थिक सहायता दी गई है।

उमरिया जिले के बाधवगढ़ का टाइगर रिजर्व एक स्थान है जहां बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके चलते बाघ किसानों और ग्रामीण इलाकों में दिखाई देने लगे हैं और अक्सर मवेशी चराने जा रहे लोगों पर हमला कर रहे हैं। क्या वन विभाग इस समस्या का समाधान निकाल पाएगा, इसका इंतजार अब शेष है।
इस प्रकार, बाघ की बढ़ती संख्या ने ग्रामीण क्षेत्रों में खतरे की घंटी बजा दी है और सरकार को जल्दी से जल्दी कदम उठाने की जरूरत है।,

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