joharcg.com राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने स्वस्थ पीढ़ी के निर्माण के लिए विवाह पूर्व कुंडली मिलान की तुलना में सिकल सेल जेनेटिक काउंसलिंग कार्ड के महत्व पर जोर दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सिकल सेल रोगी और वाहक एक-दूसरे से विवाह करते हैं, तो उनकी संतानों में इस रोग का होना सुनिश्चित है। उन्होंने सिकल सेल रोगियों को खान-पान का ध्यान रखने और घर के बने खाने का सेवन करने की सलाह दी, साथ ही नियमित पौष्टिक आहार, योग और व्यायाम को भी शामिल करने की बात कही।
सिकल सेल एनीमिया स्क्रीनिंग शिविर में शामिल हुए राज्यपाल
राज्यपाल पटेल ने सोमवार को शासकीय कमला नेहरू कन्या महाविद्यालय के छात्रावास में आयोजित सिकल सेल एनीमिया स्क्रीनिंग शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि गर्भधारण के पूर्व और गर्भावस्था में मेडिकल काउंसलिंग की आवश्यकता है। नवजात शिशुओं की विशेष देखभाल की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, जिससे सिकल सेल की पहचान जन्म के 72 घंटे के भीतर की जा सकती है।
उन्होंने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि सिकल सेल स्क्रीनिंग के लिए लक्षित व्यक्तियों की सख्त निगरानी की जाए। उन्होंने बेटियों से अपील की कि वे सिकल सेल जागरूकता में सक्रिय भाग लें और अपने समुदाय में इस रोग के लक्षणों और उपचार के बारे में जानकारी फैलाएं।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और जनजातीय वीर नायकों के छायाचित्रों पर माल्यार्पण से हुआ। जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने राज्यपाल की भूमिका की सराहना की और बताया कि प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन के लिए विशेष मिशन कार्यरत है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से सभी छात्रावासों में स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था करने का भी आश्वासन दिया।
स्क्रीनिंग कैम्प में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की उप संचालक डॉ. रूबी खान ने सिकल सेल रोग के लक्षणों और उसके उपचार की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक 72 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिसका लक्ष्य एक करोड़ है। इस मौके पर छात्राओं ने अपने अनुभव साझा किए और कार्यक्रम के अंत में राज्यपाल एवं मंत्री ने छात्रावास का निरीक्षण किया।
राज्यपाल पटेल ने सभी उपस्थित लोगों से अपील की कि वे मानवता की सेवा के इस महत्वपूर्ण कार्य में सक्रिय योगदान करें, जिससे 2047 तक भारत को सिकल सेल एनीमिया से मुक्त किया जा सके।